उत्तराखंड

वन विभाग के भृष्ट अधिकारियों की जांच पूर्व अधिकारी से ही कराने की मांग

हरिद्वार।
पिपुल्स फोर एनीमल्स संस्था  के पदाधिकारी आदित्य शर्मा द्वारा कुछ साक्ष्य राजाजी टाइगर रिजर्व के सूचना के अधिकार द्वारा जुटाए गए। इन साक्ष्यों के रूप में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड को शिकायत पत्र भेजा गया।जिस पर जांच अधिकारी मुख्य वन संरक्षक मानव कार्मिक संसाधन  के अधिकारी मनोज चन्द्रन को जांच अधिकारी नामित किया। पत्र मेें चार जांच मामलों का  प्रमुखता से जिक्र किया गया है।
शिकायती पत्र में राजा जी टाईगर  रिजर्व के विस्थापित गुज्जरां को पदार्था व गेंडीखाता गुज्जर बस्ती में सिद्ध हो चुके 9 करोड$ की अनियमितता पर तीन अधिकारियों पर आरोप सिद्ध होने बावजूद कार्रवाई न होने की बात कही गई है। पत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज में विभागीय मिली भगत से चल रहे अवैध अतिक्रमणो के गोरख धंधे कि जांच कराने की मांग की गई है। वहीं आदित्य शर्मा ने राजी जी टाइगर रिजर्व में पूर्व सेवा निवृत्त रेंज अधिकारी द्वारा 22 लाख के गबन व टाईगर रिजर्व में पूर्व वन्यजीव प्रतिपालक द्वारा अनियमितताएं कर गबन करने के आरोप लगाए गए हैं।
आदित्य के अनुसार उक्त जांचो में से राजाजी टाइगर रिजर्व में हुए गबन में से 9 करोड़ की अनियमितता में तीन अधिकारियों पर आरोप सिद्ध हो चुका है। बाकी कि तीन जांच 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है। आदित्य का कहना है कि जांच अधिकारी का स्थानांतरण होने से जांच प्रभावित हो रही है। संस्था के पत्र में प्रमुख वन संरक्षक से अनुरोध किया गया है कि उक्त 15 प्रतिशत बची जांच भी मनोज चंद्र से ही पूर्ण कराई जाए, क्योंकि कोई दूसरा अधिकारी उक्त जांच को फिर नए सिरे से करेगा। इसमें विभागिए समय भी पुन: नष्ट होगा जो कि विभागिए अहित में होगा।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *