हरिद्वार।
आम आदमी पार्टी के नेता और बीते चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र से पार्टी के विधानसभा प्रत्याशी रहे नरेश शर्मा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ईमानदारी का, ढोंग करके जनता को भ्रमित कर रही है।
इस पार्टी का कोई ना तो सिद्धांत है और ना ही नीति है इसलिए उन्होंने अपने साथियों के साथ पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। साथियों से विचार मंथन करके जल्दी ही आगे की राजनीति का फैसला लिया जाएगा।
शुक्रवार को नरेश शर्मा ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पत्रकारों से वार्ता करते हुए नरेश शर्मा ने कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल के इस प्रचार से प्रभावित होकर भाजपा छोड कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी ईमानदारी और सिद्धांतों की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि इसी बात से प्रेरित होकर उन्होंने पार्टी की मजबूती के लिए हर संभव मेहनत की लेकिन उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा। हकीकत यह है कि आम आदमी पार्टी का ईमानदारी वाली राजनीति से कोई सरोकार नहीं है।
दिल्ली में हुए शराब नीति पर मामले ने यह साबित कर दिया है जो अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया कहते थे कि उन्हें कभी शराब को हाथ नहीं लगाते उन्हें शराब की दुकान के घोटाले में ही जेल जाना पडा।
उन्हें दिल्ली में सारे नियम कानून को ताक पर रखकर गली—गली में शराब की दुकान खोल दी जहां भी यह पार्टी की इकाई बनाते हैं एक बार लोगों को सपने दिखाकर दोबारा वहां जाते नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल ने उत्तराखंड को पर्यटन स्थल के रूप में इस्तेमाल किया एसा ही कई अन्य राज्यों के बारे में भी किया। जनता को उनसे भारी उम्मीदें थी लेकिन जब देखा कि ईमानदारी का लबादा ओढ कर राजनीति करने आए अरविन्द केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में फंस जेल चले गए तो लोगों का विश्वास टूट गया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी को कोई भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है इसी वजह से निराश होकर वे आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।