हरिद्वार।
सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में होम्योपैथिक विभाग द्वारा आयोजित नशा उन्मूलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी ने प्रतिभाग किया।
कार्यकम के दौरान जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा. विकास ठाकुर ने नशा उन्मूलन कार्यक्रम के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद हरिद्वार के 14 होम्योपैथिक चिकित्सालयों-जिला अस्पताल हरिद्वार, श्यामपुर, खानपुर, जगजीतपुर, हिरनाखेडी, ब्रह्मपुर, लण्ढौरा, भगतोवाली, चौली, भगवानपुर, रोशनाबाद, रोह पथरी सुमननगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लक्सर तथा होम्योपैथिक उप चिकित्सालय रूडकी में, ऐसे 18 आयु वर्ग से ऊ पर के नशे से पीडित लोग जो नशा छोड$ना चाहते हैं। इन सभी चिकित्सालयों में डाक्टर, स्टाफ, दवा, योग आदि की पूरी व्यवस्थायें मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त नशा उन्मूलन को ध्यान में रखते हुये एक साफ्टवेयर भी विकसित विकसित किया गया है, जो पीडितों के इलाज में काफी मददगार साबित होगा।
जिलाधिकारी श्री पाण्डेय ने कार्यक्रम के दौरान होम्योपैथी विभाग के अधिकारियों से वर्ष 2022—23 में डेंगू सहित विभिन्न बीमारियों का इलाज होम्योपैथी विधा में किये जाने तथा वर्ष 2022—23 में कितने होम्योपैथिक शिविरों का आयोजन किया गया, के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। जिसमें बताया कि वर्ष 2022—23 में 22503 मरीजों का होम्योपैथी विधा के माध्यम से सफल इलाज किया गया। स्कूल हेल्थ कैम्प, डेंगू कैम्प, अमृत योजना के तहत बहुद्देशीय कैम्प सहित कुल 242 कैम्प लगाये गये, जिनमें 27954 लोग लाभान्वित हुये।
जिलाधिकारी ने होम्योपैथी विधा से नशा उन्मूलन का कार्यक्रम चलाना होम्योपैथी विभाग की अच्छी पहल बताया। कहा कि इसका लाभ पीडित परिवारों सहित पूरे समाज को मिलेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि होम्योपैथी विभाग ने जो पहल की है, उसका व्यापक प्रचार-प्रसार होम्योपैथी चिकित्सालय के आसपास के गांवों व अन्य क्षेत्रों में बैनर, पम्पलेट, पोस्टर, होर्डिंग, आडियो—वीडियो सन्देश, आशा वर्कर्स, आंगनवाडी वर्कर्स, जागरूकता बैठक, स्वयं सेवी संस्थाओ सहित गायत्री परिवार से जुडे हुये लोगों के माध्यम से किया जाये। उन्होंने आशा वर्कर्स, आंगनबाडी वर्कर्स, स्वयं सेवी संस्थाओ तथा गायत्री परिवार से जुडे हुये लोगों से कहा कि वे नशे से पीडित व्यक्ति को प्रोत्साहित कर, जन—जागरूकता फैलाकर, इन अस्पतालों तक पहुंचाने में अपना बहुमूल्य सहयोग दें, जिसके लिये आपसी समन्वय बहुत आवश्यक है।
मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने कहा कि नशा उन्मूलन के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही अन्य संस्थाओ के साथ—साथ होम्योपैथी विभाग भी अब अपना भरपूर सहयोग प्रदान करेगा तथा सभी आपसी समन्वय स्थापित करते हुये नशे के प्रकोप से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित करते हुये इस क्षेत्र में कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।
कार्यक्रम में नशा उन्मूलन के सम्बन्ध में परियोजना निदेशक डीआरडीए विक्रम सिंह, चिकित्साधीक्षक डा. सीपी त्रिपाठी, डा. आरके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश शर्मा, जीएम डीआईसी पल्लवी गुप्ता ने भी अपने विचार व सुझाव रखे। इस अवसर पर जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. राजीव वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल, आशा वर्कर्स, आंगनबाडी वर्कर्स, चिकित्सा जगत से जुडे हुये गायत्री परिवार के सदस्य, स्वयं सेवी संस्थाओ सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।