हरिद्वार।
लालढांग क्षेत्र के रवासन नदी में चल रहे खनन पट्टा धारक के हौसले इस कदर बुलंद है कि एक ओर जहां परमिशन से अधिक मशीने लगा कर खनन किया जा रहा है। सेटिंग गैटिंग का भी इतना नशा कायम है कि अपनी अधिकृत जमीन के अलावा आस पास के किसानों की जमीनों को भी दादागिरी के साथ खोद डाला है। नोएडा से हरिद्वार में आकर खनन करने वाला बिना किसी बड़ी सेटिंग गैटिंग के स्थानीय लोगो की जमीनों को खोदने की हिम्मत नही कर सकता है। इस बाहरी खनन माफिया को क्षेत्र की पुलिस का भी वरदहस्त प्राप्त है जिसके चलते वह स्थानीय ग्रामीणों की जमीनों को भी बिना उनकी रजामंदी के खोद रहा है। खनन ठेकेदार ने कटेबढ स्थित वन विभाग की चौकी को कब्जे में लेकर वहां बाहर से बुलाये गुंडे बैठा दिए है जो विरोध कर रहे किसानों/ ग्रामीणों को उनकी जमीनों तक जाने से रोक रहे है, खनन माफिया की गुंडागर्दी के आगे ग्रामीण तो परेशान है ही वन विभाग की चौकी पर जिस पर माफिया ने कब्जा किया है वहां मौजूद वन कर्मियों ओर क्षेत्र की पुलिस की निष्क्रियता को देख कर उनकी मिली भगत से भी कोई गुरेज नही है। क्षेत्र में हो रहा ऐसा अंधा खनन तांडव देखकर ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से अपनी जमीन बचाने की गुहार लगाते हुए पत्र प्रेषित किया है। अब देखना होगा कि केवल स्थानीय वन विभाग और पुलिस ही खनन माफिया की सेटिंग है या माफिया की सेटिंग पूरे प्रशासन और सरकार में है।
