उत्तराखंड देहरादून

नागरिको की सुरक्षा सरकार की जिमेदारी, विपक्षी दलों, जन संगठनों ने उठायी आवाज

देहरादून।

विपक्षी दलों एवं जन संगठनों ने मांग उठायी कि उत्तराखंड राज्य में सरकार पक्षपात और दमनकारी कदम उठाने के बजाय हर नागरिक की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए। हल्द्वानी में निर्दोष दुकानदारों को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया था जिसपर कोई कारवाई नहीं दिख रही है। जब सरकार कह रही है कि दंगाइयों पर सख्त कारवाई की जायेगी, तो यह बात ऐसी घटनाओं पर क्यों लागू नहीं हो रहा है? गैर कानूनी तरीकों से लोगों को हिरासत में रखा जा रहा है, आठ फरवरी को हुई निंदनीय हल्द्वानी के बाद वनभूलपुरा क्षेत्र में लोगों की संपतियों एवं गाड़ियों पर हुई तोड़ फोड़ पर कोई जांच नहीं, और कानूनी प्रक्रिया की धज्जिया उड़ा कर लोगों को बेदखल किया जा रहा है।
हल्द्वानी में हो रहे संयुक्त कार्यक्रम को समर्थन करते हुए और इन मुद्दों को उठाते हुए विपक्षी दलों एवं जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी देहरादून द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल में इंद्रेश मैखुरी, राज्य सचिव, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) गंगाधर नौटियाल, प्रदेश महामंत्री, ऑल इंडिया किसान सभा शंकर गोपाल, राजेंद्र शाह एवं मुकेश उनियाल, चेतना आन्दोलन राजेन्द्र पुरोहित जिला सचिव, अनंत आकाश देहरादून सचिव, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) लताफत हुसैन, केन्द्रीय महामंत्री उत्तराखण्ड क्रान्ति पार्टी नवनीत गुंसाई केन्द्रीय अध्यक्ष एवं वालेश बबानिया मुख्य महासचिव राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी भगवन्त सिंह पयाल उपाध्यक्ष एवं रविन्द्र नौडियाल, कोषाध्यक्ष सीआईटीयू एजाज अहमद, उपाध्यक्ष एस एफ आई आजम खान महानगर अध्यक्ष भीम आर्मी, सुरेश कुमार अध्यक्ष उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी परिषद, प्रभात डण्डरियाल, अध्यक्ष नेताजी संघर्ष समिति अर्जुन रावत, पेटवाल सीपीएम सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

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