-मऊ गंज में पतंजलि की व्यापक कार्य योजना
-परियोजना के सफल कार्यान्वयन से किसानों की आय में होगी महत्वपूर्ण वृद्धि
हरिद्वार।
जिला मऊ गंज की बंजर और ऊ सर भूमि अब किसानों की उपज के लिए व उनकी समृद्धि का द्वारा खोलेगी और विकसित विंध्य का एक नया अध्याय जोड$ेगी। इस बड$े कार्य के लिए मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और विभाग के अन्य अधिकारियों ने मघ्ऊ गंज स्थित उक्त भूमि की रजिस्ट्री की कापी का स्थानांतरण पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के माध्यम से पतंजलि योगपीठ को किया। इसके पश्चात आचार्य जी ने मऊ गंज के डीएम संजय कुमार जैन के साथ स्थानीय भूमि का निरीक्षण कर भावी योजनाआें पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि स्वामी रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि योगपीठ ने किसानों की समृद्धि के लिए जो स्वपन्न देखा था, उसको साकार करने में पतंजलि का सेवा प्रकल्प शीघ्र ही साकार होगा।
आचार्य जी ने कहा कि जब हम अपने राष्ट्रभाव व कर्तव्य को सामाजिकता के साथ जोड$कर लोकहित व लोक कल्याण के साथ कोई संकल्प लेते हैं तो निश्चित ही बहुत बड$ा कार्य किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पतंजलि ने विंध्य क्षेत्र के लिए औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन के तहत राज्य में किसानों की समृद्धि बढ$ाने, रोजगार के अवसर पैदा करने और क्षेत्र में विकास को बढ$ावा देने के उद्देश्य से एक व्यापक और समग्र योजना विकसित की है। इस योजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के रीवा क्षेत्र, मऊ गंज जिले के ग्राम घुरेहटा में औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन के अंतर्गत पतंजलि की औद्योगिक पार्क विकसित करने की योजना है। इस योजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है, बल्कि स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता और कौशल विकास को भी बढ$ावा देना है, जिससे एक समृद्ध और आत्मनिर्भर कृषि क्षेत्र का निर्माण हो सके।
आचार्य जी ने बताया कि यह अभिनव पहल राज्य में कृषि आधारित माडल स्थापित करेगी। जिसमें फसल विविधीकरण, प्रशिक्षण केंद्र, बीज इकाइयां, प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयां शामिल रहेंगी, ताकि किसानों को बेहतर संसाधनों और तकनीकी सहायता प्रदान की जा सके। साथ ही स्थानीय निवासियों को पतंजलि की शिक्षा व स्वास्थय सेवाआें का लाभ भी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि पहले से ही राज्य में फसल विविधीकरण की दिशा में प्रयास कर रहा है, जिससे स्थानीय कृषि की उत्पादकता बढ$ेगी और किसानों की आजीविका में सुधार होगा। कहा कि इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से किसानों की आय में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होने की संभावना है, जो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगी। साथ ही, इस प्रक्रिया के माध्यम से कीटनाशकों, रासायनिक उर्वरकों और अत्यधिक पानी के उपयोग पर उनकी निर्भरता कम हो जाएगी, जिससे उनकी उत्पादन लागत में कमी आएगी और वे अधिक स्थायी कृषि प्रथाआें को अपनाने में सक्षम होंगे। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश में कृषि क्षेत्र की समृद्धि, कृषि प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों की कौशल वृद्धि, रोजगार सृजन, सामाजिक विकास और पर्यटन को बढ$ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इस अवसर पर आरआे एमपीआईडीसी लिमिटेड, रीवा के कार्यकारी निदेशक यूके तिवारी, महाप्रबंधक नवेंदु शुक्ला तथा एक्सीक्यूटिव इंजीनियर के$के. गर्ग आदि उपस्थित रहे।