उत्तराखंड धर्म

वैदिक मंत्रोचार के साथ विधि विधान से खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट

उत्तरकाशी।

अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर शनिवार को वैदिक मंत्रोचार के साथ विधि विधान से गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। गंगोत्री के कपाट 12.13 मिनट पर खोल दिए गए। जबकि यमुनोत्री के कपाट 12.41 मिनट पर खोले गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सुबह मां यमुना के मायके खरशालीगांव पहुंचे। यहां मंदिर में उन्होंने पूजा-अर्चना की। शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। मां गंगा की विदाई के दौरान मुखबा गांव के ग्रामीण भावुक हो गए।
शनिवार को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की विधिवत शुरूआत हो गयी है। इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।मुखबा गांव की महिलाओं ने फूल बरसाकर मां गंगा की डोली को विदा किया। इसके बाद तीर्थपुरोहित व श्रद्धालु मां गंगा की डोली के साथ मुखबा से जांगला तक पगडंडी से 7 किमी तक पैदल चलकर गंगोत्री हाईवे पहुंचे। उसके बाद सड़क मार्ग से पैदल भैरो घाटी पहुंचे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के सुगम, सुखद और मंगलमय चारधाम यात्रा की कामना की है।

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