उत्तराखंड हरिद्वार

खनन माफिया की सेटिंग या जिला प्रशासन की हठधर्मी : मातृ सदन

हरिद्वार।

जनपद के सबसे बड़े खनन क्षेत्र भोगपुर मंडी में इन दोनों बड़े स्तर पर खनन का खेल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में लगाई गई खबर में बताया गया था वॉटर रीसाइकलिंग के नाम पर ली गई 10 लाख कुंतल की परमिशन पर करोड़ कुंटल का खेल किया जा चुका है। मातृ सदन द्वारा गुरुवार को जारी की गई वीडियो में साफ दिख रहा है कि खनन क्षेत्र में एक और जहां अवैध तरीके से बाणगंगा में नई नहर का निर्माण कर दिया गया। अवैध खनन मामले को लेकर मातृ सदन द्वारा हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी जिस पर लगातार 2 दिन तक सुनवाई जारी रही बावजूद इसके खनन माफिया भी राजनीतिक संरक्षण मैं आनंद माफिया जमकर मौज लूट रहे हैं जिसका एक निश्चित अंश राजनेताओं के पास भी पहुंच रहा है जिस वजह से उक्त क्षेत्र से संबंधित संबंधित नजन भी अपने मुंह से दो शब्द बोलने से भी तैयार नहीं है तैयार नहीं है जबकि इन्हीं नेताओं ने खनन के लाखों की संपत्ति को करोड़ तक पहुंचा दिया है लेकिन टॉलरेंस सरकार के कार्यकाल में ऐसे लोगों पर कोई लगाम नहीं कई जा रही है जाहिर है कि सरकार का संरक्षण खनन माफिया और विभिन्न अपराधों से जुड़े लोगो को प्राप्त हो रहा है। वहीं अवैध खनन कर करके बड़े-बड़े पहाड़ भी इस क्षेत्र में बना दिए गए हैं। जो पर्यावरण या दृष्टि से पूरी तरह क्षेत्र के लिए हानिकारक हैं।

इस संबंध में गंगा रक्षा के लिए आवाज उठाने वाले मातृ सदन द्वारा भी लगातार अवैध खनन को लेकर जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए जा रहे हैं मातृ सदन ने आज इस अवैध खनन को लेकर सवाल उठाया की यह गणेश स्टोन क्रेशर का मालिक बंटी आख़िर धामी से किस तरह की साठगांठ रखता है? और प्रशासन के साथ उसकी ऐसी क्या गुप्त डील है कि दर्जनों शिकायतों के बावजूद ये मुज़फ्फरनगर का माफिया हरिद्वार में बेखौफ और बेशर्मी से खनन करता फिर रहा है? यह अवैध खनन का उभरता हुआ पहाड़ प्रशासनिक तंत्र के मुंह पर करारा तमाचा है—यह उस सड़ांध की बदबू है जिसमें हर स्तर का अधिकारी आकंठ डूबा हुआ है। यह केवल भ्रष्टाचार नहीं, हरिद्वार की पर्यावरणीय हत्या का सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसे सत्ता के शीर्ष— मुख्यमंत्री धामी के कार्यालय—से संरक्षण और निर्देश प्राप्त हो रहे हैं।

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