हरिद्वार।
जिला उपभोक्ता आयोग ने स्थानीय विक्रेता श्रीगंगा इंटरप्राइजेज ज्वालापुर व प्रबंध निदेशक यूरेका फोम्स लिमिटेड मुंबई को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग अध्यक्ष गगन गुप्ता व सदस्य रंजना गोयल ने दोनों को प्रश्नगत एक्वागार्ड के बदले नया एक्वागार्ड ना देने, मानसिक रूप से परेशान करने के लिए पांच हजार रूपये व शिकायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में तीन हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।
रानीपुर बीएचईएल निवासी शिकायतकर्ता सुंदर सिंह रावत ने कंपनी निर्मित एक एक्वागार्ड स्थानीय विक्रेता से माह अक्टूबर 2018में 11 हजार तीन सौ रुपये में खरीदा था। स्थानीय विक्रेता ने शिकायतकर्ता को एक मैनुअल बुक देते हुए उक्त एक्वागार्ड की एक वर्ष की वारंटी दी थी। साथ ही, एक्वागार्ड सही काम न करने पर नया देने का आश्वासन दिया गया था। खरीदने के दो दिन बाद एक्वागार्ड लगाने गए कर्मचारी ने शिकायतकर्ता से सौ रुपये चार्ज लिया था। थोड़े दिन बाद उक्त एक्वागार्ड में बिजली सप्लाई व गंदा पानी आने की समस्या पैदा हो गई थी। जिस पर स्थानीय विक्रेता ने एक कर्मचारी को भेजकर बिजली सप्लाई ठीक कराकर 150 रुपये चार्ज लिया और गंदे पानी की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। इसके बाद कई वजहों से उक्त एक्वागार्ड ने काम करना बंद कर दिया था। स्थानीय विक्रेता व कंपनी प्रबंध निदेशक ने शिकायतकर्ता की किसी समस्या का समाधान नहीं किया। जून 2019 से लगातार उक्त एक्वागार्ड बन्द पडा हुआ हैं। शिकायतकर्ता ने थक हारकर आयोग की शरण ली थी। मामले की सुनवाई के बाद आयोग ने स्थानीय विक्रेता व कम्पनी के प्रबंध निदेशक को संयुक्त रूप से उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।