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सलीम  की मेहनत रंग लाई पथरी जंगल में लगाएं जा रहे तीन ट्यूबवेल

पथरी।
काफी समय से काठठा पीर सहित तमाम मेलों में आने वालों को ठंढे पानी की और पथरी जंगल में जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए तालाबों में भरने वाले पानी की नि:शुल्क सेवा देने वाले घीसुपुरा निवासी समाजसेवी सलीम अहमद की मेहनत रंग लाई है। उनके तर्क और मांग को सही ठहराते हुए जिला वन अधिकारी ने पथरी जंगल में तीन ट्यूबवेल लगाने की मांग स्वीकृत कर दी गई है। जिसमें दो ट्यूबवेल लगाकर तैयार हो चुके हैं। सलीम अहमद प्रतिवर्ष जंगल के नजदीक लगे किसी ट्यूबवेल से प्लास्टिक के पाइपों द्वारा जंगल में मौजूद तालाबों में पानी भरने जैसे नेक कार्य करते आ रहे हैं। लेकिन यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे थे। सलीम अहमद ने बताया की जंगल में अब लगभग चारों तरफ से दीवार हो चुकी है। पहले जब जंगल के तालाब सूख जाया करते थे तो जंगली जानवर जंगल से बाहर निकल कर ट्यूबवेल वगैरा या नालियों में बाहरी पानी से अपनी प्यास बुझा लेते थे। लेकिन अब जंगल के चारों तरफ दीवार या तारबाड$ हो चुकी है। जंगल में गर्मीयों में तालाबों के सूख जाने की वजह से जंगली जानवरों को पानी नसीब नहीं हो रहा था। एक दो तालाब में सलीम अहमद ने ट्रैक्टर ले जाकर पास के ट्यूबवेल से पानी भरा जिसमें कई बार वन गुर्जर समाज ने भी सहयोग किया। कुछ दिन पहले सलीम अहमद ने डीएफआे से पूछा की क्या शहर में दो—तीन जगह पानी उपलब्ध कराने से पूरे शहर की प्यास बुझाई जा सकती है, तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। सलीम अहमद ने कहा कि जब एेसा नहीं हो सकता तो मात्र एक दो तालाब से पूरे जंगल के पक्षियों और पशुआें की प्यास कैसे बुझाई जा सकती है। जिला वन अधिकारी वैभव कुमार सिंह ने तत्काल ही पथरी वन जंगल में तीन ट्यूबवैल लगाने के निर्देश जारी किए। जिसमें दो ट्यूबवैल लगाए जाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इन ट्यूबवेल लगने से उम्मीद जताई जा रही है की अब तक पथरी वन जंगल के जंगली जानवर और पक्षी प्यासे नहीं रहेंगे। पथरी रेंज अधिकारी अरविंद सैनी से पूछा गया कि पूरे जंगल में कितने तालाब हैं तो वह इसकी संख्या नहीं बता पाए। रेंजर साहब भी पथरी जंगल में  3 या 35 तालाब होने का अनुमान बताया।

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