राजनीति हरिद्वार

पतंजलि योगपीठ तथा ग्रामीण विकास मंत्री के बीच एमओयू पर क्यों हुए हस्ताक्षर, क्या है सरकार की योजना

हरिद्वार।
दस दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव के चौथे दिन उत्तराखण्ड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ऋषिग्राम पहुंचे। जहां पतंजलि योगपीठ तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। जिसके अंतर्गत प्रदेश की माताओ-बहनों को सशक्त बनाकर उत्तराखण्ड को समृद्धशाली बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज आधुनिकीकरण व नई तकनीक का जमाना है। पंतजलि के साथ समन्वयन कर शीघ्र ही राज्य के चार विकासखण्डों के 4000 महिला किसानों के साथ मृदा परीक्षण और जैविक खेती को बढावा देने के लिए कार्य किया जाएगा। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों के 95 विकास खण्डों में चरणबद्ध तरीके से संचालित की जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में गरीब परिवारों का क्षमता एवं कौशल विकास कर उन्हें सतत आजीविका संवद्र्धन के साथ उनकी आर्थिक स्थिति को सुद्रढ करना है। कहा राज्य में वर्तमान समय तक 4.22 लाख महिलाआें को संगठित कर 56362 समूह और 5798 ग्राम संगठन एवं 353 कलस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023—24 में राज्य में 60 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर कुल 4.91 लाख परिवारों को संगठित कर कुल 64 हजार समूह गठन किये जाना प्रस्तावित है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि रिवल्विंग फंड्स योजना के अन्तर्गत प्रत्येक समूह को 15 हजार से 3हजार रूपये  तक आरएफ दिये जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2023—24 में छह हजार समूहों को आरएफ दिये जाने का प्रस्ताव है, जिसके उपरान्त राज्य के 85 प्रतिशत समूहों को आरएफ से आच्छादित किया जायेगा। उन्होंने कहा राज्य में यूएसआरएलएम द्वारा 39715 समूहों को परिकामी निधि ( रिवाल्विंग फण्ड) के रूप में 4133.37 लाख रूपये धनराशि एवं 5921 समूहों की सूक्ष्म ऋण योजना तैयार करते हुये कुल 25636 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 15285.41 लाख रूपये की धनराशि उनकी छोटी जरूरतों की पूर्ति तथा आपसी लने—देन करने हेतु उपलब्ध करायी गयी है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महिलाओ को बैंकिंग सेवाओ से जोडने हेतु राज्य स्तर पर विभिन्न बैंको से जोड$ा जा रहा है। वर्तमान समय तक 47636 समूहों को सीसीएल तैयार कर बैंक लिंकेज कर 3694.6 लाख रूपये का ऋण प्रदान किया गया है। राज्य में वित्तीय वर्ष 2024—25 तक 1.25 लाख लखपति दीदी लक्ष्य है। (प्रथम वर्ष-40हजार द्वितीय वर्ष-50हजार एवं तृतीय वर्ष 35हजार ) राज्य में वर्तमान समय तक 367836 लखपति दीदी की सर्वे प्रक्रिया पूर्ण किया गया है। राज्य में वर्तमान समय तक 33376 परिवारों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में सशक्त उत्तराखंड के संकल्प के तहत हमारी सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निरंतर आगे बढ$ रही है। कहा कि यूएसआरएलएम द्वारा एमएसएमई विभाग के साथ महिला समूहों के उत्पादों के प्रोसेसिंग एवं बाजारीकरण हेतु 24 ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना की गयी है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन हेतु 13 जनपदों में 33 नैनों पैकेजिंग यूनिट, 13 सरस सेन्टर संचालित किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर रानीपोखरी, रायपुर देहरादून में 02 उत्तरा आउटलेट की स्थापना की गयी है । स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठन एवं कलस्टर संगठनों में कुल 300 उद्यमों की स्थापना कर 7756 सदस्यों को जोडते हुये स्वरोजार से जोडा गया है। समूहों के उत्पादों के विपणन हेतु 01 आउटलेट की स्थापना जौलीग्राण्ट एयरपोर्ट, देहरादून एवं 02 आउटलेटों की स्थापना देहरादून एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर की गयी है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023—24 से एनआरएलएम द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय के आजीविका सरस ब्राण्ड एवं हिमान्याधेचूरली पहाडी ब्राण्ड से समूहों के उत्पादित सामग्री का विपणन किया जायेगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित 159 महिला सीएलएफ को प्रति सीएलएफ रू 5.0 लाख का एक मुश्त अनुदान दिया गया है। उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईएलएसपी के अन्तर्गत गठित 42989 सक्रिय महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वावलंबन हेतु प्रति समूह दो हजार रूपये प्रति माह की दर से 06 माह के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। गणेश जोशी ने कहा दिव्य योगपीठ (पंतजलि) के साथ समन्वयन कर वित्तीय वर्ष 2023—24 में पंतजलि के आउटलेटों पर समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को, को—ब्राण्डिग में विक्रय कराये जाने पर कार्य गतिमान है। इसी प्रकार पंतजलि के साथ समन्वयन कर वित्तीय वर्ष 2023—24 में राज्य के चार विकासखण्डों के 400 महिला किसानों के साथ मृदा परीक्षण और जैविक खेती को बढावा देने के लिए कार्य किया जाना प्रस्तावित है तथा इससे विपडन को भी गति मिलेगी।

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