गढ़वाल मंडल के लोगों को मिल सकेगा सस्ता व सुलभ न्याय
लक्सर।
लक्सर के अधिवक्ताओं ने ऋषिकेश में हाईकोर्ट स्थापना के कथित निर्णय का जमकर स्वागत किया। अधिवक्ताओं ने कहा कि ऋषिकेश में उच्च न्यायालय की बैंच स्थापित होने के बाद उत्तराखंड के अधिकांश वादकारियों को सस्ता और सुलभ न्याय प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में उच्च न्यायालय की स्थापना जनता के हित में है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा ऋषिकेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का कथित निर्णय समूचे गढ़वाल मंडल के अधिवक्ताओं के लिए अहम साबित होगा। जिसे लेकर लक्सर के अधिवक्ताओं ने भी उच्च न्यायालय के इस निर्णय का पुरजोर स्वागत और समर्थन कर किया है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल क्षेत्र स्थित नैनीताल जैसे महंगे शहर में स्थित है। न्याय पाने के लिए वादकारियों और अधिवक्ताओं को वहां की आवाजाही और रहन—सहन का अत्यधिक खर्च उठाना पड़ता है। इतना ही नही बल्कि अधिवक्ताओं के मुताबिक कुमाऊं मंडल में स्थित उच्च न्यायालय में सबसे ज्यादा गढ़वाल मंडल क्षेत्र से जुड$े अधिवक्ताओं और क्षेत्रवासियों के बाद परिवाद ही विचाराधीन है। इसके अलावा जिस नैनीताल शहर में उच्च न्यायालय स्थित है, वहां पर्यटन नगरी होने के नाते पहले से ही पर्यटकों का आवागमन सीमित मार्गों पर जारी रहता है। पर्वतीय क्षेत्र में उच्च न्यायालय का होना भी मैदानी क्षेत्र के निवासी अधिवक्ता और वादकारियों के लिए एवरेस्ट पर चढ़ने के बराबर नजर आता है।
लंबे समय से चली आ रही मांग के मुताबिक उच्च न्यायालय को पर्वतीय क्षेत्र से मैदानी क्षेत्र में स्थापित किए जाने का मामला अब फिर से सुर्खियों मे तेज रफ्तार पकड$ चुका है, क्योकि हाल ही में उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल क्षेत्र स्थित ऋषिकेश शहर में उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने का निर्णय चर्चा में है। जिसे लेकर कुमाऊं मंडल क्षेत्र में विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे है। मगर गढ़वाल मंडल क्षेत्रवासियों द्वारा ऋषिकेश में उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने के निर्णय का जमकर स्वागत और समर्थन शुरू हो गया है।
गुरुवार को लक्सर में वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा इसका खुलकर समर्थन किया गया है। लक्सर एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील चौधरी के मुताबिक क्षेत्र की जनता को इस निर्णय के पश्चात सुलभ और सस्ता न्याय प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय जाने के लिए रेलवे और सड़क मार्ग के माध्यम से सात आठ घंटे का सफर कर एक हजार रुपये प्रति व्यक्ति की दर से खर्च उठाना पड़ता है, जबकि ऋषिकेश तक अधिकांश आवाजाही होती रहती है। जिसका रास्ता करीब डेढ$ घंटे में पूरा हो जाता है। उनके मुताबिक नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय में 8 प्रतिशत वाद परिवाद गढ़वाल मंडल क्षेत्र का ही होता है। उच्च न्यायालय में अधिवक्ता भी अधिकांश गढ़वाल मंडल क्षेत्र का ही निवासी है। वहीं ऋषिकेश में उत्तराखंड उच्च न्यायालय बैंच के स्थापना से जुड़े निर्णय के विरोध को उन्होंने गलत करार देते हुए कहा कि राजधानी देहरादून में 1 मई को उत्तराखंड बार काउंसिल द्वारा इसे लेकर एक विशेष बैठक बुलाई गई है। जिसमें अधिवक्ता संगठन के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है, जहां नई रणनीति पर विमर्श किया जाएगा। वहीं लक्सर में द सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी सहदीप सिंह के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश द्वारा ऋषिकेश में उच्च न्यायालय के स्थापना से क्षेत्रीय अधिवक्ता समाज में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि बार एसोसिएशन द्वारा जन जागरण कर ऋषिकेश में ही उच्च न्यायालय के स्थापना पर बोल दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस निर्णय को अति शीघ्र लागू करने की मांग उठाई गई है। वही दूसरी आेर अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा भी पुरजोर समर्थन के साथ इसे एक सार्थक कदम करार दिया जा रहा है। उनके मुताबिक यदि इस निर्णय को शीघ्र लागू कर दिया जाता है, तो ऋषिकेश में जाकर जूनियर अधिवक्ताओं द्वारा एक विशाल अनुभव हासिल किया जा सकेगा। वही अधिवक्ताओं के साथ—साथ अन्य क्षेत्रवासियों को भी ऋषिकेश में उच्च न्यायालय विस्थापन के पश्चात सुलभ और सस्ता न्याय प्राप्त होगा।