हरिद्वार।
वॉटर रीसाइकलिंग के नाम पर लाख कुंतल की परमिशन पर करोड़ो कुंतल खनिज अवैध निकाला जा रहा है। जिला प्रशासन पूरी तरह कुम्भकर्णी निद्रा में है। वॉटर रीसाइकलिंग के नाम पर किया जा रहा खनन कुछ क्रशरों में पहाड़ के रूप में परिवर्तित हो गया है तो वहीं जहां पर वॉटर रीसाइकलिंग किया जा रहा है पूरे क्षेत्र का नक्शा ही बदल दिया गया है। पोकलैंड जैसे भारी मशीनों से जबर्दत खनन क्षेत्र भोगपुर के निकट चल रहा है। आप वीडियो में देख सकते हैं किस तरीके से पोकलैंड के द्वारा खनन किया जा रहा है इतना ही नहीं यहां पर सिक्योरिटी भी बड़ी टाइट की गई है। यदि कोई अधिकारी पदार्था धनपुरा से आगे लक्सर लक्सर की ओर चलता है तो उसके प्रति किलोमित्रकी सूचना माफिया को हो जाती है। वाटर रिसाइक्लिंग के नाम पर चल रहे इस खनन से जिन स्टोन क्रशरो पर सामग्री पहुचाई जा रही है उन पर अनुपात से कही अधिक खनिज के पहाड़ नज़र आ रहे है। बताया जाता है कि खनन माफिया को प्रशासन के ही उच्च अधिकारियों का वृद्धास्ट प्राप्त है जिसके चलते वह बेधड़क बिना किसी डर के अवैध खनन दिन-रात करने में लगे हैं इससे इधर प्रशासन भी लंबी चादर तानकर कुंभकर्णी नींद सो रहा है। देखे वीडियो 👇👇👇