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छठ पूजा और ठेकुआ का महत्व

हरिद्वार/ विकास तिवारी।

आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से होगी। हिंदूओं में इस त्योहार का विशेष महत्व है। यह त्योहार खासकर बिहार में मनाया जाता है। जहाँ छठ पूजा की अलग ही धूम देखने को मिलती है। लेकिन  भगवान सूर्य नारायण ओर छठ मैंया के भक्त देेेश में ही नही विदेेेशो में भी जहाँ रहते है वही इस महापर्व को मनाते है। नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत होती है। हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्यदेव और छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में कई प्रसाद बनाए जाते हैं, लेकिन ठेकुआ का ज्यादा महत्व है।

ठेकुआ के बिना छठ पूजा का त्योहार अधूरा माना जाता है। इस प्रसाद को मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है और आंच देने के लिए आम की लकड़ियों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रसाद को बनाते समय महिलाएं लोकगीत गाती हैं। छठ पूजा के दौरान सुबह और शाम अर्ध्य देते समय ठेकुआ का खास महत्व है। आइए जानते हैं इस प्रसाद को बनाने की विधि।

सामग्री

2 कप गेहूं का आटा, आधा कप गुड़, 1 चम्मच इलायची पाउडर, 3-4 बड़े चम्मच घी, 1 चम्मच ड्राई फ्रूट्स, सबसे पहले पानी में गुड़ को उबालें, जब यह अच्छी तरह पिघल जाए, तो गैस बंद कर दें। अब थाली में आटा लें और गुड़ वाले पानी की मदद से गूंथ लें। इसमें इलायची पाउडर और ड्राई फ्रूट्स मिक्स करें। आटा तैयार हो जाए, तो इसकी लोइयां बनाकर रखें। अब इसे ठेकुआ का आकार दें। एक पैन गर्म करें, इसमें घी डालें। इसमें ठेकुए तल लें, तैयार है छठ पूजा के लिए ठेकुए का प्रसाद।

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