उत्तराखंड हरिद्वार

अवैध खनन सामग्री से भरा  ट्रैक्टर ट्राली वन विभाग ने पकडा

हरिद्वार।
रविवार को वन क्षेत्राधिकारी चिडियापुर ने गश्त के दौरान अवैध खनन सामग्री से भरी ट्रैक्टर ट्राली को सीज कर गैंडीखाता वन चौकी में खडा किया गया।
वन क्षेत्राधिकारी हरीश गैरोला वन टीम के साथ गश्त पर थे। इस दौरान रवासन नदी से एक ट्रैक्टर ट्राली वन क्षेत्र में अवैध खान सामग्री भर कर निकल रही थी। जिसे रेंजर द्वारा रूकवारि जानकारी ली गई तो चालक के पास कोई भी रॉयल्टी खनन की नही थी। जिसके चलते अवैध खनन से भरी ट्रैक्टर ट्राली को रेंजर द्वारा सीज करने की कार्रवाई की गई। अवैध खनन से भरे ट्रैक्टर ट्राली पर विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। वन विभाग चिड़ियाघर के अंतर्गत रवासन नदी में खनन कार्य पूर्ण रूप से बंद है। वहीं विभाग द्वारा जगह-जगह पर जेसीबी द्वारा रवासन नदी पर खाई खुदवाकर रास्तों को पूर्ण रूप से आवागमन के लिए बन्द किया हुआ है। वन विभाग द्वारा खनन पर प्रतिबंध लगाने का अपनी आेर से भरसक प्रयास किया हुआ है। इतनी रोकथाम के बावजूद भी खनन माफिया द्वारा रवासन नदी से खनन सामग्री अवैध रूप से निकालने का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं मामले में वन क्षेत्राधिकारी चिडियापुर हरीश गैरोला ने बताया कि अवैध खनन सामग्री से भरे हुए ट्रैक्टर ट्राली को पकडकर गैण्डीखाता वन चौकी में खडा कर दिया गया है। नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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खनन माफिया के मुखबीर प्रशासन के साथ
उल्लेखनीय है कि लालढांग में वन क्षेत्र में वैध व अवैध खनन का कारोबार सालो से लगातार चल रहा है। जिसे रोकने का प्रशासन द्वारा भरसक प्रयास भी किया जाता रहा है। बावजूद इसके  खनन माफि या विभागीय सैटिंग गैटिंग कर खान का कारोबार दिन में कम रात में अधिक करते है। हालात यह है कि माफि या द्वारा खनन विभाग से भण्डारण की अनुमति प्राप्त करने के बाद वैध खनन की आड में अवैध खनन बडी मात्रा में किया जाता है। यह खनन क्षेत्र जिला मुख्यालय से 5 किलो मीटर से भी अधिक की दूरी पर स्थित है। जब स्थानीय लोगो द्वारा अवैध खनन की सूचना अधिकारियो को दी भी जाती है तो उनके पहुंचन से पूर्व ही माफिया खनन सामग्री सहित खान करने वाले वाहनो और मशीनो को भी ठिकाने लगा देते है। उनके सूत्र के जाल प्रशासन में भी इस कदर फैला है कि अधिकारी जैसे ही क्षेत्र में जाने के लिए तैयार होते है उनके आने की सूचना तत्काल माफि या तक पहुंच जाती है। जिस कारण माफि या के हौसले बुलंद रहते है।

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