उत्तराखंड हरिद्वार

लापरवाही के लिए होंगे जोनल सेक्टर अधिकारी जिम्मेदार : एडीजी

हरिद्वार ।
सोमवती अमावस्या मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए देहरादून पुलिस मुख्यालय से पहुंचे आला अधिकारियों ने भी पूरी व्यवस्था का जायजा ले आवश्यक दिशा निर्देश दिए।  केंद्रीय मेला भवन में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था  वी मुरूगेशन की अध्यक्षता में  करण सिंह नगन्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ$वाल परिक्षेत्र एवं डा. योगेंद्र सिंह रावत एसएसपी (डीआईजी) की उपस्थिति में सोमवती अमावस्या मेले को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु मेला ड्यूटी में नियुक्त समस्त जोनल व सेक्टर पुलिस अधिकारीगण के साथ बैठक आयोजित करते हुए आवश्यक दिशा—निर्देश दिये गये।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने कहा कि सभी जोनल एवं सेक्टर प्रभारी अपने—अपने जोनल एवं सेक्टरों में मुस्तैदी से मौजूद रहेंगे। भीड बढनी शुरू हो गयी है और स्नान पर भारी संख्या में श्रद्धालुआें का लगातार आगमन शुरू हो गया है। सभी अधिकारीगण अपने अपने प्वाइंट पर प्रत्येक छोटी—बडी बात का ध्यान रखते हुए उच्चाधिकारीगण को सूचनाआें का आदान—प्रदान करेंगे। आने वाले श्रद्धालुआें को स्नान के पश्चात सकुशल गंतव्य स्थलों पर रवाना करना सुचारू करें। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए बाहर जाने का रास्ता क्लीयर हो। कोई भी अधिकारी इस स्नान को सामान्य स्नान पर्व समझने की भूल न करे। वर्तमान में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है, जिस कारण विभिन्न राज्यों से आने वाले लाखों यात्रीगण हरिद्वार से आगमन व प्रस्थान कर रहे हैं। जिस कारण यातायात व्यवस्था सुव्यस्थित बनाया जाना अति आवश्यक है। यातायात मार्ग पर पर्याप्त मात्रा में यातायात कर्मी एवं अन्य पुलिस बल नियुक्त किया जा चुका है, फिर भी जाम वाले स्थानों पर अलग से ध्यान रखा जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग के आस—पास किसी भी प्रकार का वाहन पार्क न कराया जाये। साथ ही कन्ट्रोल रूम से बराबर मेला क्षेत्र पर नजर रखी जाये। किसी भी जोन एवं सेक्टर में लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित जोनल, सेक्टर प्रभारी की जिम्मेदारी होंगी।
इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मेला ड्यूटी कर रहे जवानों को गर्मी से बचने के लिए जवानों के लिए टोपी वितरण का आयोजन किया। जिसकी अपर पुलिस महानिदेशक व डीआईजी गढवाल ने सराहना की । दिन—प्रतिदिन लगातार बढती गर्मी व कडी धूप में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों का दुख दर्द समझते हुए नई पहल कर प्रयोग के तौर पर हैट का निर्माण करवाया। प्रथम चरण में लगभग 25 हैट  हाईवे व घाटों में दिन के समय  पुलिस बल को हैट वितरित की गई।

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