उत्तराखंड हरिद्वार

नव संवत्सर के अवसर पर शब्द कीर्तन  

हरिद्वार।
नव संवत्सर के अवसर पर श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया गया। साथ ही महान संत समागम और कीर्तन दरबार का आयोजन हुआ। जिसके बाद अटूट लंगर के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। जिसमें बड$ी तादाद में साधु—संतों और सिख संगत ने भाग लिया। समारोह की अध्यक्षता निर्मल संत पुरा आश्रम के परमाध्यक्ष संत बाबा महंत जगजीत सिंह शा ी महाराज ने की।
इस अवसर पर संत बाबा जगजीत सिंह शा ी ने बताया कि नव संवत्सर के अवसर पर आश्रम में गुरु ग्रंथ साहिब के 1८ पाठ की 67वीं लड$ी का शुभारंभ किया गया जो पिछले कई सालों से लगातार जारी है। इस अवसर पर गुरुजन संत बाबा हरनाम सिंह, संत बाबा हीरा सिंह, महामंडलेश्वर संत रघुवीर सिंह, संत बाबा महंत महेंद्र सिंह का भावपूर्ण स्मरण किया गया। उन्होंने कहा कि संतों और गुरु के बिना किसी की सद्गति नहीं होती। गुरुजी गोविंद के पास जाने का रास्ता बताते हैं इसलिए गुरु का सम्मान करना चाहिए। आश्रम में आयोजित 14 वें कीर्तन दरबार में हरिद्वार के कथा वाचक महंत हरपाल सिंह दास और संत मोहन सिंह ने शब्द कीर्तन का गायन किया। शा ीय गायन में शब्द कीर्तन ने सबका मन मोह लिया। गाजियाबाद से आए भाई ईष्टदीप सिंह, बीबी अवनीत कौर, संत रणजीत सिंह, संत जसविंदर सिंह,भाई हरजिंदर सिंह जालंधर वाले ने शब्द कीर्तन का भावपूर्ण गायन किया। निर्मल सतपुरा के आरती जत्था एवं ी सत्संग जत्था ने भी शब्द कीर्तन सुनाएं। इस अवसर पर बाबा मोहन सिंह, संत मनजीत सिंह, संत बाबा महंत जगजीत सिंह शा ी,  ज्ञानी ग्रंथी इंद्रजीत सिंह, संत बलजिंदर सिंह, चेतन शर्मा, अमरजीत सिंह आदि ने भाग लिया।

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