उत्तराखंड हरिद्वार

जनपद में निर्यातको ने की कॉमन टेस्टिंग लैब की मांग

हरिद्वार।
अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पीएल शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अन्तर्गत विदेशी व्यापार एवं निर्यात को बढ$ावा देने हेतु गठित जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में महाप्रबन्धक उद्योग पल्लवी गुप्ता ने जनपद हरिद्वार को निर्यात के हब के रूप में विकसित करने हेतु जो प्रयास किये जो रहे हैं, के सम्बन्ध में विस्तृत प्रकाश डाला। अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) ने महाप्रबन्धक उद्योग से जानकारी चाही कि वे कौन से उत्पाद हैं, जिनका हम हरिद्वार जनपद से निर्यात कर सकते हैं। इस पर महाप्रबन्धक उद्योग ने बताया कि फार्मा, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल्स, सर्वे से सम्बन्धित उपकरण, कॉस्मैटिक, प्लास्टिक उत्पाद प्रमुख है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा आर्गेनिक उत्पादों में-शहद, मशरूम, गन्ना उत्पाद, पूजा सामग्री आदि हैं। इस पर अपर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसके अलावा और कौन से उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है, को भी सूची में शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद के जो उत्पाद हैं, उनकी बाहरी मार्के ट में कितनी मांग है, अगर मांग कम है तो उस मांग को कैसे बढ$ाया जाये आदि के सम्बन्ध में हमारे पास पूरा डटा बैंक होना चाहिये, जिसे जल्द से जल्द तैयार कर लिया जाये। बैठक में निर्यातकों द्वारा अवगत कराया गया कि प्रत्येक देश में सार्टीफिकेशन एवं प्रमाणीकरण के लिये अपने मानक होते हैं, उसी आधार पर निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि सार्टीफिकेशन व प्रमाणीकरण की प्रक्रिया जितनी आसान होगी, उसी अनुपात में निर्यात में और वृद्धि होगी। बशर्ते राज्य व जनपद स्तर पर प्रमाणीकरण व सार्टीफिकेशन की व्यवस्था हो, जिससे समय की भी बचत होगी। बैठक में निर्यातकों ने कहा कि उत्तराखण्ड आयुष प्रदेश है तथा हरिद्वार में ही 1१0 से ज्यादा आयुष के उत्पाद तैयार हो रहे हैं, लेकिन कॉमन टेस्टिंग लैब नहीं होने की वजह से तीन—चार यूनिट ही निर्यात कर पाते हैं। अत: हरिद्वार में कॉमन टेस्टिंग लैब होनी चाहिये। इस पर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि आपका सुझाव काफी अच्छा है, अन्य विकल्पों के साथ ही इस पर विचार किया जायेगा। निर्यातकों द्वारा लजिस्टिक सुविधायें तथा कस्टम क्लीयरेंस हेतु बीएचईएल हरिद्वार में इनलैण्ड कण्टेनर डिपो स्थापित करने का प्रकरण रखा गया, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि यह प्रकरण भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय में विचाराधीन है। बैठक में औद्योगिक संगठनों द्वारा बताया गया कि हरिद्वार में समय—समय पर मेले/पर्वों आदि के आयोजन होते रहते हैं, जिसकी वजह से सड$कों में ट्रैफिक जाम तथा माल वाहक वाहनों के पार्किंग की समस्या पैदा हो जाती है, जिसके कारण माल वाहक वाहन जाम में फंसे रह जाते हैं। इस पर अधिकारियों ने बताया कि सिडकुल रोशनाबाद हेतु वैकल्पिक बिहारीगढ$ रोशनाबाद मार्ग पर दो पुलों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। बैठक में अधिकारियों ने यह भी बताया कि निर्यात सम्बद्र्धन हेतु समय—समय पर प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जाता है। जिसमें मार्कें टिंग, प्रोडक्ट की पैकेजिंग, सार्टीफिकेशन आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी जाती है।
बैठक में ट्रांसपोर्टेशन मद में अनुदान की व्यवस्था, बैंकों से आसान दरों पर धनराशि उपलब्ध कराया जाना, निर्यातकों हेतु कामन प्लेटफार्म मैकेनिज्म विकसित किया जाना आदि पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ तथा इस सम्बन्ध में दिशा—निर्देश दिये गये। अपर जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि निर्यात को बढ$ावा देना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। जिसका जिम्मेदारी के साथ अक्षरक्ष: पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य हैं, वे धरातल पर दिखने चाहिये।   इस अवसर पर केतन भारद्वाज प्रतिनिधि रूड$की स्माल स्केल इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन, दिनेश सिंह अपर महाप्रबन्धक बीएचईएल, उप निदेशक डीजीपीटी, सहायक निदेशक ईईपीटी इण्डिया, सुरेश चन्द्र यादव जिला पर्यटन अधिकारी, दीपेश चौधरी मैंनेजर उद्योग, अंजना भण्डारी प्रोजेक्ट कंसल्टेंट, भूपेन्द्र एस रावत सीनियर कंसल्टेंट, एसपी सेमवाल जिला शिक्षा अधिकारी, पीके श्रीवास्तव एजीएम बीएचईएल सहित उद्योग जगत के विभिन्न एसोसिएशनों से जुड$े प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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