दिन गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। वहीं इस बार सूर्य ग्रहण सामान्य से अलग होने वाला है। इस बार हाइब्रिड सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। अगर जिनकी कुंडली में राहु, सूर्य की युति और ग्रहण योग है, उन्हें ग्रहण का प्रभाव प्रभावित कर सकता है।
भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा और न ही इसका सूतक काल माना जाएगा। इसलिए सूर्य ग्रहण पर भी मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे। सूर्य ग्रहण का असर किसी भी राशि पर नहीं पड़ेगा। गर्भवती महिलाओं पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन जिनकी कुंडली में राहु सूर्य की युति और ग्रहण योग है, तो उन्हें ये प्रभावित कर सकता है। बता दें, जिन देशों में ग्रहण दिखाई देगा, वहां पर इसका शुभ प्रबाव नहीं होगा, क्योंकि ग्रहण सूर्य की उच्च राशि मेष में होगा।
सूर्य जब भी उच्च राशि में होता है, तो राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाला साबित होता है। इस बार सूर्य ग्रहण इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन वैशाख माह की अमावस्या तिथि भी है और यह मेष राशि, अश्विनी नक्षत्र में लगने वाला है. इसलिए इस ग्रहण का प्रभाव मेष राशि के जातकों पर ज्यादा पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र में सूतक काल को बहुत अशुभ माना गया है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरु हो जाता है। सूतक काल तभी मान्य है, जब ग्रहण दिखाई देता है। अब ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं हैं। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे और धार्मिक कार्य भी किए जा सकेंगे।