राजनीति

पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने फिर साधा प्रदेश अध्यक्ष महारा पर निशाना

गुटबाजी ने बढ़ाई कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा की परेशानियां

देहरादून।

कांग्रेस में राजनीतिक घमासान जारी है। नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पार्टी की आंतरिक हालात को लेकर हैरान परेशान हैं। कांग्रेस के किसी भी नेता को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इस मर्ज की दवा क्या है?
हाईकमान द्वारा पीएल पूनिया को पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद तथा आज उनके आगमन से पूर्व एक बार फिर चकराता विधायक प्रीतम सिंह द्वारा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर निशाना साधते हुए कहा गया कि यादव कब आते हैं और कब चले जाते हैं कुछ पता नहीं चलता। उनका कहना है कि प्रभारी होने के नाते उनका दायित्व है कि वह अधिक से अधिक समय यहां रहे पार्टी के लोगों की समस्याओं को समझें और आगे की रणनीति पर काम करें, लेकिन उनका तो यह भी पता नहीं चल पाता है कि वह कब आए और कब चले गए। और क्या करने आये थे। उनके इस बयान पर हालांकि करन माहरा यादव का बचाव करके दिखे और उनके दिशा निर्देशन में होने वाले काम भी गिनवाने लगे लेकिन यह सच है कि जहां भाजपा के प्रदेश प्रभारी लगातार भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच दिखाई देते हैं वैसे यादव को कभी नहीं देखा गया वह बस चुनाव के दौरान ही आते जाते हैं।
पार्टी के बड़े नेताओं के बीच चल रही खींचतान के बीच आज देर शाम तक पीएल पूनिया दून आने वाले हैं। लेकिन उनके आने से पूर्व ही कांग्रेसी नेताओं के बीच यह चर्चा है कि जब सभी स्वयंभू और बड़े नेता है तथा यहां न कोई किसी की मानता है और न सुनता है तो फिर पीएल पूनिया भी यहां आकर क्या कुछ कर लेंगे? उधर करन माहरा का कहना है कि वह सभी बड़े नेताओं महानगर व जिलाध्यक्षों से बात कर अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे। करन माहरा का कहना है कि उनका प्रयास है कि सभी नेता मिलकर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे तथा जिनके बयानों से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है उस तरह की बयानबाजी से बचें। सवाल यह है कि 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में तथा पिछले निकाय चुनाव में करारी हार के बाद भी कांग्रेसी नेताओं के रवैया में कतई भी बदलाव नहीं आया है भले ही अब कांग्रेसी नेता 2024 के चुनाव में अपनी जीत के दावे कर रहे हो लेकिन इन दावों में कितना दम है यह सभी नेता जानते हैं। कम से कम इस अंर्तकलह के बीच तो कांग्रेस कोई चुनाव नहीं जीत सकती है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *