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असंतुष्ट मातृ संगठन व् नाराज बागियों को मनाना भाजपा के लिए बना बड़ी चुनौती

हरिद्वार। भारतीय जनता पार्टी ने हरिद्वार की 11 विधानसभाओं में से 9 पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। हरिद्वार नगर से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक,हरिद्वार ग्रामीण से कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वारानंद के साथ ही रानीपुर भेल, ज्वालापुर लक्सर व रुड़की से सीटिंग विधायक आदेश चौहान,सुरेश राठोर, संजय गुप्ता व प्रदीप बत्रा के साथ ही खानपुर सीट पर चार बार के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के स्थान पर उनकी पत्नी रानी देवयानी को टिकट दिया है। जबकि भगवानपुर सीट से पुराने कार्यकर्ता मास्टर सत्यपाल को प्रत्याशी घोषित किया है। वही झबरेड़ा व पिरान कलियर सीट पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
टिकट बंटवारे को देखें तो भाजपा की स्थिति 2017 वाली ही है, भाजपा ने अपने सिटिंग विधायकों पर विश्वास जताया है। लेकिन जमीनी हकीकत व संगठन की अंदरूनी खींचतान को देखें तो लगभग सभी सीटों पर बागियों व नाराज कार्यकर्ताओं को मनाना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी। हरिद्वार ग्रामीण को छोड़कर अन्य सभी विधानसभा क्षेत्रों में कई-कई दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया था, सबके अपने अपने तर्क थे। ऐसे में टिकट न मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं को अनुशासन-संयम का पाठ पढ़ाने में भाजपा आलाकमान कितना कामयाब होता है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। विधायकों से कार्यकर्ताओं की नाराजगी व आपसी खींचतान को जल्द से जल्द समाप्त करना होगा। यही नही बड़ी विडंबना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की खुद की सीट पर बनी हुई है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के समक्ष मजबूत दावेदारों में पूर्व मेयर मनोज गर्ग व पार्षद कन्हैया खेवड़िया चुनाव को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्षों से ग्राउंड पर सेवा के माध्यम से लगातार सक्रिय रहकर दोनों नेताओं ने अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की है। ऐसे में इनकी नाराजगी भविष्य में क्या रंग दिखाएगी यह कहा नहीं जा सकता। चर्चा तो यहां तक है कि भाजपा का कोई बागी आम आदमी पार्टी से भी चुनाव लड़ सकता है। यदि केजरीवाल भाजपा के बागी को चुनाव लड़ाने के प्रयास में सफल रहे तो निश्चित तौर पर मदन कौशिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं इस बार मदन कौशिक का विरोध कहे या नाराजगी, भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद व हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं में भी देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ समय से आरएसएस के कनखल मंडल के स्वयंसेवकों द्वारा स्मैक मुक्त हरिद्वार के नाम पर एक अभियान चलाकर नगर विधायक को घेरा जा रहा है। आरएसएस के नगर कार्यकारिणी के सदस्य प्रवीण शर्मा द्वारा स्मैक मुक्त हरिद्वार अभियान का संयोजन किया जा रहा है। जबकि इनके साथ कनखल मंडल के कार्यवाह राजेश शर्मा व अन्य कई दायित्व वाले कार्यकर्ता सहयोगी के रुप में कार्य कर रहे हैं। जो प्रतिदिन सोशल मीडिया पर नशा मुक्त हरिद्वार के स्लोगनों के साथ शासन-प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ पोस्ट करते है। आरएसएस से सीधे तौर पर जुड़े कार्यकर्ताओं का यह अभियान लोगों के गले नहीं उतर रहा है। चर्चा है कि विधायक से कार्यकर्ताओं की नाराजगी जगजाहिर होकर सड़कों पर आ गई है। ऐसी स्थिति में भाजपा संगठन व मातृ संगठन आरएसएस को अपने सभी असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मना कर विजयश्री की ओर पार्टी प्रत्याशियों को अग्रसर करना बड़ी चुनौती हो सकती है।

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