हरिद्वार
जन अधिकार पार्टी -जनशक्ति की राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता हेमा भण्डारी ने पेयजल समिति हरिद्वार और जल संस्थान पर करोड़ों की चपत का आरोप लगाया और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाये।
हेमा भण्डारी ने कहा कि एक तरफ आम आदमी का बिजली का बिल 1 हजार से ज्यादा हो जाता है तो उसका बिजली बोर्ड बिजली कनेक्शन काट देती है। वहीं दूसरी आेर जल संस्थान के जल पंप का बिजली के बिलों को आज तक जमा नहीं कराया गया जिस कारण वह आज 4 करोड$ तक पहुंच गया।
हरिद्वार पेयजल समिति व जल संस्थान ने मिलकर न्यू सुभाष नगर ज्वालापुर हरिद्वार ने नगर वासियों से मनमानी ढंग से जल शुल्क वसूला जा रहा है। न्यू सुभाष नगर की पेयजल समिति 12 अगस्त 2१४ को प्रशासन के अधीन हो गई थी। जिसके बावजूद भी पेयजल समिति ने जल संस्थान की मिलीभगत अवैध तरीके से पानी की टंकी को चलाते रहे और जनता से मनमर्जी से जल शुल्क वसूलते रहे। तंग आकर पेयजल समिति के खिलाफ यहां की जनता ने जिला उभोक्ता फोरम व राज्य उपभोक्ता फोरम देहरादून तक केस लड$ा दोनों ने जनता के हितों को देखते हुए जनहित में निर्णय दिया। चलते हुए केस के दौरान समिति ने मनमानी ढंग से बिना किसी की अनुमति से जल शुल्क 6 रूपए से बढ़ाकर 200 रूपए कर दिया। जनता ने इस मामले की जानकारी जिला अधिकारी को दी। जिसे संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी ने जांच के आदेश दिए। जल संस्थान के जल पंप के बिल को समिति से वसूलने व जनता के बिलों को उपभोक्ता फोरम के आधार पर लेने को कहा परंतु जल संस्थान इन आदेशों को मानने से आनाकानी कर रही है और आज भी जनता परेशान है। न्यू सुभाष नगर में दो जल पंप लगे हुए हैं, जिसमें एक पंप पेयजल समिति के नाम और दूसरा जल संस्थान उत्तराखंड के नाम पर है। दोनों का पानी समिति द्वारा पूरे सुभाष नगर में सप्लाई किया जाता था। समिति सिर्फ अपने जल पंप का ही बिजली का बिल जमा करती रही और जल संस्थान के जल पंप का बिजली के बिलों को आज तक नहीं जमा किया गया। जिस कारण वह आज 4 करोड$ तक पहुंच गया और आज तक बिजली विभाग भी कुंभकरणीय नींद में सोया हुआ है। इतने करोड़ रुपए बिल को बिजली बोर्ड क्यो अनदेखा कर रही है।कहा कि जन अधिकार पार्टी जनशक्ति जनता के साथ हो रहे इस मनमानी वसूली का विरोध करती है।