बांस मिशन में किये पौधारोपण में बडे भ्रष्टाचार का आरोप की शिकायत
-बडी संख्या में लगाये गये बांस वृक्षो को सुरक्षा के बावजूद 25 प्रतिशत ही वृक्ष मौके पर
-तीन सालो तक सरकारी खर्च पर संरक्षित किये गये बांस मौके पर नदारद
हरिद्वार।
पीपुल्स ॉर एनिमल संस्था के आदित्य शर्मा ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड, वन मंत्री उपवन संरक्षक व वन अधिकारी हरिद्वार को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि राष्ट्रीय बांस मिशन योजनान्तर्गत हरिद्वार वन प्रभाग कि हरिद्वार रेंज को 16 हेक्टेयर व् रूडकी रेंज को 15 हेक्टेयर में मुख्य गंग नहर संरक्षित वन पटरी पर माह मार्च वर्ष 2019 में लगभग 15, लाख रुपये दोनों रेंजो को आवंटित हुए थे। जिसमे हरिद्वार रेंज कि हरिद्वार बिट (पुल जटवाडा से रानीपुर झाल तक) में 6 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि में तीन हजार बांस के वृक्षो का रोपण व हरिद्वार रेंज कि ही बहादराबाद बिट जो कि रानीपुर झाल से बहादराबाद तक 10 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि में पांच हजार बांस के पौधो का वृक्षारोपण किया गया। जो कि मुख्य गंगनहर के किनारे स्थित है। उक्त संरक्षित वन भूमि में किये गये वृक्षारोपण के अनुरक्षण हेतु वर्ष 2019, 2020 व् वर्ष 2२1 के दिसम्बर माह तक सिचाई के लिए पानी के टेंकर, निराई- गुड$ाई, युकलिपिस्टिक के बल्लियों के खम्बे, कटीले तारबाड, सुरक्षा श्रमिक देखरेख हेतु, पौधो का क्रय, पौधो कि उतराई- चढाई व वाहन का किराया आदि को मिलाकर लगभग एक रेंज पर 15 से 2 लाख रुपए प्रत्येक रेंज में वृक्षारोपण से अनुरक्षण पर खर्च कर तीन साल के अनुरक्षण में वर्ष 2२1 माह दिसम्बर तक हरिद्वार रेंज में 95 प्रतिशत व रूडकी रेंज में 85 प्रतिशत सफलता दिखाई गई। जो कि एक अच्छा सन्देश है। पर्यावरण प्रहरियों के लिए, तीन साल उक्त वृक्षारोपण का अनुरक्षण के बाद पौधे अपनी जड स्वाभिविक रूप से जमा कर स्वस्थ व परिपक्व होकर अपना स्वरूप विस्थापित कर लेते है, परन्तु वर्ष 2022 के बाद अचानक हरिद्वार रेंज कि मुख्य गंग नहर किनारे हरिद्वार बिट 6 हेक्टेयर में तीन हजार वृक्षो में केवल 10 प्रतिशत बांस का वृक्षारोपण मौके पर मौजूद है और हरिद्वार कि बहादराबाद बिट में पांच हजार वृक्षो में केवल 25 प्रतिशत बांस का वृक्षारोपण मौके पर मौजूद है। जिसको वर्तमान रेंज अधिकारी शेलेन्द्र नेगी द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत नही कराया। इसे लापरवाही कहे या रेंज अधिकारी कि उदासीनता परन्तु दोनों स्थितियों में पर्यावरण क्षति व सरकारी रुपयों का दुरुपयोग होने पर वर्ष 2२2 के बाद उक्त वृक्षारोपण को जमींन खा गई या आसमान, आठ हजार बांस कि पौध को तीन साल पालने के बाद भी परिपक्त होने पर आठ हजार वृक्षो कि जिम्मेदारी व् उत्तरदाई वर्तमान रेंज अधिकारी व् सम्बन्धित कर्मचारियों कि थी। जिसे लापरवाही कि भेट चड$ा दिया गया और गश्तीदल, चौकीदार, बिट अधिकारी, वन रक्षक, पेट्रोलिंग का बजट, दिन व रात्री हाथी भगाने हेतु श्रमिको सभी सुविधाआें के बाद भी बहादराबाद नर्सरी के चारो और सोलर फेंसिंग आधी से ज्यादा चोरी कर लापरवाही कि भेट चड$ा दीगई। (रूडकी रेंज कि नारसन प्रथम बिट में भी 15 हेक्टेयर में बांस रोपण किया उक्त वृक्षारोपण कि सफलता कि भी जांच कि जानी अतिआवश्यक है।