हरिद्वार।
नाबालिग लडकी को बहला फुसलाकर ले जाने व दुष्कर्म करने के मामले में एफटीएससी/अपर सत्र न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी को दोषी पाते हुए 2 वर्ष की कठोर कैद व एक लाख दो हजार रुपये की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 14 अप्रैल 2020 को पथरी क्षेत्र के गांव में एक नाबालिग लडकी शौच के लिए खेत में गई थी। घर वापिस नहीं लौटने पर परिजनों के पीडिता को तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला था। अगले दिन पीडिता ने आरोपी की बुआ के घर से फोन कर पूरी घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी थी। उसी दिन पीडिता का भाई व आरोपी के भाई अपनी बुआ के घर पहुंचे। जहां से आरोपी फरार हो गया था। जबकि पीडिता को वहां से घर पर ले आए थे। पीडिता के पिता ने घटना के चार दिन बाद आरोपी प्रताप पुत्र मोतीलाल निवासी ग्राम बहादरपुर जट्ट थाना पथरी के खिलाफ अपनी पुत्री को बहला फुसलाकर ले जाने, दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। पीडित लडकी ने बताया था कि आरोपी उसे बहला फुसलाकर बाइक पर बैठाकर अपनी बुआ के घर गदरजुदद्दा मंगलौर ले गया था। वहां आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाएं। मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी प्रताप के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। वादी पक्ष आेर से नौ गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने प्रताप को दोषी पाया है। तथा उपरोक्त आदेश सुनाया है।