हरिद्वार।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार के तत्वाधान में जिले की आंगनवाडी कार्यकर्ताआें के लिए कार्यस्थल पर महिलाआें के यौन उत्पीडन के विरूद्ध एक सेमिनार का आयोजन रूडकी में किया गया। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/ वरिष्ठ सिविल जज सिमरनजीत कौर द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ताआें को कार्यस्थल पर महिलाआें के यौन उत्पीडन एक्ट के विषय में जानकारी दी। बताया कि विधिक सेवा गाइडलाईन जारी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह अधिकार लागू किया गया। जिसके तहत प्रत्येक विभाग संगठन इत्यादि हेतु एक आईसीसी आंतरिक शिकायत जांच समिति का गठन होना अनिवार्य एवं आवश्यक है। जनपद स्तर पर स्थानीय शिकायत समिति का गठन होता है जो किसी भी कार्यस्थल पर महिलाआें के साथ यौन उत्पीडन की शिकायत पर जांच करती है एवं आवश्यक कार्यवाही की जाती है। जांच के दौरान जांच से सम्बन्धित पीडिता इत्यादी की खबर को गोपनीय रखा जाता है। इसका प्रकाशन हो जाने पर 50 हजार रूपये जुर्माने का प्रावधान है। इसी के औरेलिआनो फर्नाडीज बनाम स्टेट आफ गोआ में पारित आदेश दिनांक 12अक्टूबर 2२४ के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने शिकायत के लिए आनलाईन पोर्टल शी—बाक्स बनाया गया है। जिसका प्रचार व प्रसार करने के निर्देश भी किये गये हैं। इसके साथ ही सचिव द्वारा महिलाआें को आनलाईन ठगी सतर्क रहने हेतु कहा गया तथा साईबर अपराध, पोक्सो एक्ट, घरेलु हिंसा से महिलाआें का संरक्षण अधिनियम की जानकारी प्रदान करते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल द्वारा प्राप्त सरल कानूनी ज्ञान पुस्तिकाआें का वितरण किया।