उत्तराखंड हरिद्वार

सिरे नही चढ़ रही अमृत सरोवर योजना 

 

आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में 75 साल के रूप में मनाया जा रहा है वहीं केंद्र सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को स्वर्णिम बनाने के लिए देश के विकास में कई अहम योजनाएं लागू की गई है इनमें से ही एक योजना अमृत सरोवर योजना भी है जिसके अंतर्गत गांवों के तालाबों को विकसित करना और उनका सौंदर्य करण का कार्य किया जाना है सरकार की इस योजना को जहां जिला प्रशासन 15 अगस्त 2022 से पहले पहले करना चाहता है वही अधीनस्थ विभागों द्वारा भी इस योजना को  अधिकारी भी क्रियान्वित करना चाहते हैं। वहीं कुछ छोटे अधिकारी ऐसे भी हैं जो इस अमृत सरोवर योजना से गांव में कोई विकास कार्य नही चाहते है। अपनी मनमानी से ही आगे चलाना चाहते हैं। जिस कारण एक महीना बीत जाने के बावजूद भी अमृत सरोवर योजना के तालाब ज्यों के त्यों ही पड़े हैं। जब कि आगामी पंगा घर से पहले-पहले यह सभी कार्य पूरे किए जाने हैं लेकिन उच्च अधिकारियों की मनमानी के चलते काम अधूरे पड़े हैं। जनपद की बात करे तो 75 सरोवर जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किये गए है। विकास खंड खानपुर की ही बात करें तो चार सरोवर मॉडल यहां भी तैयार किए जाने है। जिनमें से दल्लावाला, तुगलपुर, खानपुर, मथाना, गांव में प्रशासन द्वारा तालाब विकसित करने के लिए परंतु गांव के विकास अधिकारी इसे अपना कुंभ मेला मानकर चल रहे हैं। वह मौके पर एक बार भी अमृतसर परियोजना के इन तालाब को देखने नहीं पहुंचे जबकि ब्लॉक के कई अधिकारी इन सरोवरों के चक्कर काट चुके हैं।  कार्यदाई संस्थाओ का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारी का आना अत्यंत आवश्यक है। संबंध में ग्रामविकास अधिकारी मथाना को फोन किया गया तो फोन उठाना भी गंवारा नही समझा। जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी जिनके संरक्षण में पूरे जिले की अमृत सरोवर परियोजना चलाई जा रही है से बात की तो उन्होंने सकारात्मक रुप से लेते हुए अधिकारियों से जानकारी लेने की बात कही।

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