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वन दरोगा समेत आरक्षी पर 12 साल बाद हत्या का मुकदमा पीडित बेटे ने लगाया फर्जी मुठभेड की आड़ में हत्या का आरोप

हरिद्वार।
 पिता की मौत के 12 साल बाद बेटे ने न्यायालय के आदेश पर सिडकुल थाने में वन दरोगा और वन आरक्षी पर फर्जी मुठभेड
दिखा कर उसके पिता की हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने तहरीर के आधर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सिडकुल थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार उनियाल ने बताया कि साबिर पुत्र  सुलेमान निवासी ग्राम हजारा ग्रंाट सिडकुल हरिद्वार ने
न्यायालय के आदेश पर थाने में तहरीर दी है। तहरीर में साकिब ने आरोप लगाया कि 05 मई 2009 की दोपहर करीब 1 बजे धौलखण्ड पूर्वी रेंज चौकी से राजाजी राष्ट्रीय पार्क सिडकुल वन दरोगा खिलपत सिंह और आरक्षी द्वारिका प्रसाद घर से पूछताछ के बहाने अपने साथ ले गये। परिवार को दोपहर 2 बजे सूचना मिली कि वन दरोगा और आरक्षी ने उसके पिता सुलेमान को फर्जी मुठभेड दिखाकर गोली मारकर हत्या कर दी, तभी वह 8 साल का था। उसके पिता की फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने की घटना को सही साबित करने के लिए वन अधिकारियों व कर्मियों ने अज्ञात लोगों के साथ आपराधिक षड़यंत्र रचते हुए झूठे तथ्यों के आधार पर कोतवाली रानीपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान मुकदमें में कोई सत्यता न पाते हुए मुकदमें में विवेचनाधिकारी ने अन्तिम रिपोर्ट लगाकर न्यायालय मे प्रेषित कर दी थी। आरोप हैं कि पुलिस की एफआर में वन दरोगा खिलापत सिंह और आरक्षी द्वारिका प्रसाद ने फर्जी मुठभेड़ के नाम पर उसके पिता की हत्या करना स्वीकार किया था। इस वक्त वह 20 साल का है और जब उसने मामले की सत्यता का पता लगाने के लिए न्यायालय में पिता की मौत से सम्बंधित कागजात तलाश की गयी तो तब घटना की सच्चाई का पता चला। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी वन दरोगा समेत आरक्षी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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