हरिद्वार।
स्टेट बार कौंसिल आफ उत्तराखंड ने अधिवक्ताओ के प्रति न्यायिक अधिकारियों के व्यवहार को लेकर प्रदेश भर के वकीलों के साथ न्यायिक कार्य से विरक्त रहने का फैसला किया है। साथ ही, सभी अधिवक्ता संगठन शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताने का निर्णय किया है। बुधवार को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार ने कार्यकारिणी की एक बैठक बुलाई। बैठक में स्टेट बार कौंसिल आफ उत्तराखंड के प्रस्ताव पर विचार रखे गए। अध्यक्ष सुशील कुमार ने बताया कि बीते दिनों देहरादून बार के अधिवक्ता की कोर्ट रूम में अचानक गिरने व मृत्यु हो गई थी। लेकिन उक्त कोर्ट के न्यायाधीश व कर्मचारियों ने काफी देर तक भी उस अधिवक्ता की मदद के लिए नही आए थे। इसके बाद मौके पर पहुंचकर वकीलों ने मृत अधिवक्ता को उठाकर ले गए थे। इस घटना के बाद से प्रदेशभर के अधिवक्ताओ में न्यायिक अधिकारी के व्यवहार को लेकर रोष व्याप्त है। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सचिव नागेंद्र सक्सेना ने बताया कि स्टेट बार कौंसिल आफ उत्तराखंड के आवाहन पर 17 नवम्बर को स्थानीय जनपद के सभी अधिवक्ता संगठन न्यायिक कार्यों से विरत रहकर अपनी अपनी न्यायिक परिसर में धरना प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन में शामिल न होने पर वकील पर कार्यवाही डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार ने बताया कि सभी वकीलों को धरना प्रदर्शन में शामिल होने के खास निर्देश दिए गए हैं। कहा कि जो अधिवक्ता धरना प्रदर्शन में शामिल व बार कौंसिल के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करेंगे। उन सभी वकीलों की सूची बार कौंसिल को कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी।