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जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित

हरिद्वार।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला गंगा संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुआें को चर्चा के लिये सदस्य संयोजक उप वन संरक्षक जिला गंगा संरक्षण समिति मयंक शेखर झा ने जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किया। बैठक में सर्वप्रथम कस्सावान नाले में आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के सम्बन्ध में चर्चा हुई। इस पर जिलाधिकारी ने नगर निगमए पेयजल निगम आदि से कस्सावान नाले की वस्तुस्थिति के सम्बन्ध में जानकारी ली। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में नाला पूरी तरह टैप है। जिलाधिकारी ने तुरन्त इस सम्बन्ध में एसडीएम हरिद्वार पूरण सिंह राणा को निर्देश दिये कि वे अपनी देखरेख में इस पर पूरी निगरानी रखें तथा जो भी इस तरह के कार्य करते हुये पाये जायें। उनके खिलाफ धारा 1७/16 में कार्रवाई करते हुये जुर्माना आदि लगायें। जिलाधिकारी के संज्ञान में बैठक में लाया गया कि विभिन्न नालों पर जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। वे पर्याप्त नहीं हैं तथा उनमें से कुछ कार्य नहीं कर रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। उन्हें आज शाम तक हर हाल में ठीक करवा दिया जाये तथा दो और सीसीटीवी कैमरे चिन्हित नालों में लगवाना सुनिश्चित करें। बैठक में नमामि गंगे परियोजना में इंस्टीट्यूशनल एण्ड इण्डस्ट्रियल इस्टेट प्लांटेशन मद में पांच लाख पौधे लगाये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर सदस्य संयोजक उप वन संरक्षक ने बताया कि भूमि की अनुपलब्ध के कारण वृक्षारोपण के कार्य में प्रगति नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड ने बताया कि आईसीआईसीआई फाउण्डेशन से सीएसआर मद में एक हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है तथा पांच हजार पौंधे इसी संस्था द्वारा रोपित किये जाने का कार्य किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सिंचाई विभाग के नियंत्रण में जितने भी तटबन्ध हैं, उनमें पौंधे लगाने के सम्बन्ध में रिपोर्ट एक सप्ताह में वन विभाग को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी का ध्यान बैठक में हरिद्वार स्थित विभिन्न गंगा घाटों एवं नालों पर हुये अवैध अतिक्रमण के सम्बन्ध में प्रतिनिधियो द्वारा ध्यान आकृष्ट कराया गया। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम हरिद्वार को निर्देश दिये कि 15 दिन के भीतर जो भी इस तरह के अवैध अतिक्रमण हैं। उन्हें चिन्हित करते हुये रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमण अगर कहीं पर है तो वह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। फ्लड प्लेन चिन्हीकरण एवं रिवर बैंड अतिक्रमण के सम्बन्ध में बैठक में चर्चा के दौरान अधिशासी  अभियन्ता सिंचाई खण्ड ने अवगत कराया कि इस सम्बन्ध में अन्तिम अधिसूचना जारी किये जाने हेतु प्रकरण शासन को प्रेषित किया जा चुका है। बैठक में गंगा नदी हर आदि में यात्रियों व अन्य द्वारा पुलों पर से पूजा सामग्री, कूड$ा डाले जाने के सम्बन्ध में चर्चा हुई। जिस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश कि पेयजल निगम सहित सम्बन्धित विभाग इसी हफ्ते एेसे स्थलों का जाली लगाने के लिये निरीक्षण करते हुये इसका इस्टीमेट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। बैठक में नमामि गंगे कार्य के अन्तर्गत ज्वालापुर में दुर्गाघाट के निर्माण के सम्बन्ध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि इसके निर्माण का इस्टीमेट सिंचाई विभाग देहरादून को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा चुका है। जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में खण्डित मूर्तियों को गंगा व अन्य नदियों में विसर्जित किये जाने के प्रकरण पर विस्तृत चर्चा हुई। चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मूर्तियों का विसर्जन निर्धारित चिन्हित स्थानों पर ही किया जाये, अवैध गौशालाआें द्वारा ज्वालापुर, भूपतवाला आदि में गोबर बहाये जाने, हरकीपैड$ी पर फूल फरोशी ठेका आदि के सम्बन्ध में भी विस्तृत विचार विमर्श हुआ। जिस पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित को आवश्यक कदम उठाने के लिये दिशा निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी, वित्त एवं राजस्व  बीर सिंह बुदियाल, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर वर्मा, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मंजू, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनीष दत्त, अधिशासी अभियन्ता निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा अजय कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड$ी, महाप्रबन्धक उद्योग पल्लवी गुप्ता, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत, रामेश्वर गौड, सह संयोजक नमामि गंगे विचार मंच शिखर पालीवाल स्वामी विवेकानन्द जनहित ट्रस्ट हिमांशु सरीन, जिला गंगा संरक्षण समिति से जुड$े स्वयंसेवी संगठन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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