उत्तराखंड हरिद्वार

धामी के सपनो को कौन लगा रहा पलीता

हरिद्वार।

जी हां फोटो में दिखाई जा रही यह सड़क नेता प्रतिपक्ष मंडल अध्यक्ष एवं पार्षद 3-3 पदों पर विराजमान नेताजी के वार्ड की है जहां बीते शनिवार को सीसी रोड के ऊपर ही डामर की रोड बिछाई गई और वह चंद घंटों की मंदम बूंदाबांदी को भी झेल नहीं पाई। यह सड़क रानीपुर मोड़ स्थित मोड मॉडर्न कॉलोनी की है जहां बीते शनिवार को पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मुख्यमंत्री की विकास योजना को बढ़ाने में दिनरात लगे है। एप्प पर आई शिकायत में सड़क बनाने में समय व्यर्थ नही किया। कई सौ मीटर लंबी सड़क बना दी। पर ये सड़क जो रविवार सुबह को मंद बूंदाबांदी को भी झेल नहीं पाई। जानकारी के अनुसार यही रोड  2021-22 में माननीय के पसंदीदा विभाग द्वारा बनाई गई थी। यह हम नहीं कहते मौके पर लगा बोर्ड गवाही दे रहा है। अब ऐसी भी क्या रोड बनाई गई थी कि महज चंद महीने बीतने के बाद ही पीडब्ल्यूडी को उस पर दोबारा कवायद करनी पड़ी। 3-3 पदों पर विराजमान कई बार के पार्षद इस 2021-22 के सीसी रोड की गवाही दे रहे बोर्ड में भी प्रस्तावक हैं और यही डामर की रोड के भी प्रस्तावक हों सकते है। कहीं यह बड़ा गड़बड़झाला तो नहीं। निर्माण गुणवत्ता मानकों के अनुसार सीसी रोड की न्यूनतम उम्र 5 वर्ष दर्शाई गई है। जबकि यह रोड 1 वर्ष भी नहीं झेल पाई। मौके पर चौका लगाने वाले नेताओं ने इस ऐप का भी भरपूर लाभ उठाना शुरू कर दिया है। अपने पुराने गड्ढों को छुपाने के लिए पीडब्ल्यूडी ऐप का सहारा लिया जा रहा है, जो आगामी पार्षदी चुनाव में भी इनके लिए संजीवनी साबित हो सकता है। क्या कहते हैं इसमें विभागीय अधिकारी।

लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता सुरेश तोमर ने बताया कि मॉडल कॉलोनी में प्रेम नगर आश्रम के सामने से भगत सिंह चौक की तरफ जाने वाली एल शेप की रोड बनाई गई है कुछ शिकायतें आई थी जिस कारण रोड का कार्य रोका गया था उसमें जो भी कमियां हैं उन्हें दूर किया जाएगा पूरे रोड गुणवत्ता के साथ बनाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त हो इसके लिए पीडब्ल्यूडी ऐप लॉन्च किया है एप लॉन्च होने के बाद से ही प्रदेश भर में जहां भी गड्ढा होने की शिकायत मिलती है विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सड़क को गड्ढा मुक्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की इस ऐप योजना से उन सड़कों के गड्ढे भी भरे जा रहे हैं जिनके लिए स्थानीय निवासी वर्षों से परेशान थे।

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