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युवक की मौत के बाद नशा मुक्ति केंद्र में हंगामा, 14 मरीज भागे

देहरादून।

चंद्रबनी स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद हंगामा हो गया। केंद्र का स्टाफ मृतक के शव को घर के बाहर छोड़कर चला गया। बताया जा रहा है कि युवक 23 मार्च से अराधिया फाउंडेशन में भर्ती था। मृतक के शव पर पर चोटों के निशान भी हैं। क्लेमेनटाउन पुलिस ने केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। युवक का शव घर के बाद देखने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा किया। इस दौरान स्थानीय लोग भी वहां एकत्रित हो गए। लोग सड़क जाम करन की जिद पर अड़े हैं। वहीं, मौके पर शव उठाने पहुंची एंबुलेंस को भी लोगों ने लौटा दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस भी मौके पर पहुंची है।
बताया जा रहा है कि टर्नर रोड निवासी देवानंद के बेटे सिद्धू को 22 मार्च को चंद्रबनी स्थित आराध्या फाउंडेशन नाम के केंद्र में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने केंद्र संचालकों पर उनके बेटे से मारपीट कर हत्या का अरोप लगाया।
इस मामले में एसपी सिटी सरिता डोभाल ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत का मामला सामने आया है। मौके पर पुलिस भेजी गई है। मामले में जांच की जा रही है। वही हरिद्वार रोड स्थित नशामुक्ति केंद्र से 14 मरीज फरार हो गए। घटना उस समय हुई जब कुछ मरीज सहरी खाने के लिए उठे थे। मरीजों के लापता होने से प्रबंधन में हड़कंप मच गया। सभी मरीजों के अपने घर आने की जानकारी के बाद प्रबंधन ने राहत की सांस ली। सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के हरिद्वार रोड पर बेलड़ा गांव के पास एक नशामुक्ति केंद्र है। नशामुक्ति केंद्र में करीब 14 मरीजों का नशा की लत छुड़ाने के लिए उपचार चल रहा था। इनमें कुछ मरीजों ने रोजा भी रखा था। रोजा रखने वाले मरीजे सुबह चार बजे उठ जाते थे। इनके साथ अन्य मरीज भी उठ जाते थे। नशामुक्ति केंद्र के कर्मचारी रोजेदारा मरीजों के लिए सहरी का प्रबंध करते थे। पिछले कुछ समय से यह सिलसिला चल रहा था, जिसके चलते कर्मचारी इन मरीजों की तरफ से निश्चिंत हो गए थे और इनकी निगरानी भी कम कर दी थी। रविवार की सुबह चार बजे मरीज सहरी के लिए उठ गए, जबकि सभी कर्मचारी सोते रहे। इसका फायदा उठाते हुए सभी मरीज नशामुक्ति केंद्र से भाग गए। सुबह करीब छह बजे जब कर्मचारी सो कर उठे, तो सभी मरीजों को गायब देख इनके होश उड़ गए। आननफानन इनकी तलाश की गई। दोपहर के समय जब स्वजन से संपर्क साधा तो पता चला कि सभी मरीज अपने-अपने घर चले गए हैं। इसके बाद नशामुक्ति केंद्र के प्रबंधन ने राहत की सांस ली। इस बावत सिविल लाइंस कोतवाली के उप निरीक्षक बारु सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस को मरीजों के फरार होने की कोई सूचना नहीं दी गई है।

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