उत्तराखंड हरिद्वार

अगर संकल्प हो, तो सीमित साधनों से भी सफलता की मिठास पाई जा सकती है: ममता

रीप योजना से ममता ने एक सफल महिला उद्यमी के रूप में अपनी एक नई पहचान बनाई

हरिद्वार।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे के मार्गदर्शन में, जनपद हरिद्वार में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत अल्ट्रा पूवर सपोर्ट, फार्म एवं नान—फार्म एंटरप्राइजेज और सीबीओ  स्तर के उद्यमों की स्थापना की जा रही है। इसी क्रम में भगवानपुर विकासखंड के तेज्जुपुर गांव की ममता ने एक सफल महिला उद्यमी के रूप में अपनी एक नई पहचान बनाई है।
ममता, गणपति स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं और पहले छोटे स्तर पर चाय, समोसे एवं मिठाई बेचकर प्रतिमाह छह हजार से सात हजार रूपये तक की आय अर्जित करती थीं। मिठाइयों के शीघ्र खराब हो जाने के कारण उनका व्यवसाय सीमित था, लेकिन वे इसे बड़े स्तर पर बढ$ाने की इच्छुक थीं। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना ने वित्तीय वर्ष 20, 24, 25 में एकल उद्यम गतिविधि के तहत ममता को उद्यम विस्तार हेतु प्रेरित किया और 75 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अतिरिक्त  डेढ लाख का बैंक ऋण और ममता द्वारा स्वयं का 75  हजार का योगदान मिलाकर कुल तीन लाख रूपये की लागत से उन्होंने अपनी मिठाई की दुकान का विस्तार किया। आज ममता का मिष्ठान एवं चाट भंडार के नाम से अपना व्यवसाय सफलतापूर्वक चला रही हैं। अब वह प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपये की शुद्ध बचत कर रही हैं। ममता का यह समूह विश्वास ग्राम संगठन और उज्जवल में बहुउद्देशीय स्वायत्त सहकारिता के साथ जुड़ा हुआ है। ममता की यह कहानी न केवल ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के ग्रामीण महिला उद्यमिता विकास के लक्ष्य को दर्शाती है, बल्कि यह हरिद्वार की अन्य महिलाआें के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बन गई है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *