उत्तराखंड हरिद्वार

बैंक में गिरवी  मकान पर धोखाधड़ी कर 25 लाख हड़पे

हरिद्वार।
रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में मकान बेचने के नाम पर पांच लोगों पर धोखाधड़ी कर 25 लाख हड़प लिए  वापस मांगने पर परिवार सहित जान से मारने की
धमकी दी।  पीडित ने पुलिस तहरीर दी। पुलिस ने
तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली रानीपुर प्रभारी निरीक्षक कुंदन सिंह राणा ने बताया कि जय भगवान पुत्र धरा सिंह निवासी सेवली राई सोनीपत हरियाणा ने तहरीर दी कि उसका बेटा भेल में नौकरी करता हैैै। जिस कारण परिवार के लिए आसपास एक मकान की आवश्यकता थी। जिसकी तलाश में वह जुटा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात
हरिद्वार तहसील में टाईपिस्ट दीपक कश्यप और उसके साथी आकाश से हुई। जिन्होंने शिवालिकनगर में एक मकान दिलाने का भरोसा
दिया।  शिवालिकनगर स्थित मकान नम्बर एन-258 दिखाया।  मकान मालिक एसएन तिवारी पुत्र भगवत तिवारी से मुलाकात करायी। जिन्होंने मकान पर किसी प्रकार का भार व ऋण न होने की बात कही। मकान पसंद आने पर तय सौदे के हिसाब से 16 सितम्बर 21 को एडवांस 25 लाख रुपये दिये गये। जिसमें 22 लाख का चैक व 3 लाख नगद थे। मकान के तय सौदे के हिसाब से एक रजिस्टर्ड इकरारनामा तैयार किया गया। जिसमें मकान के संबंध में तय रकम और पैशगी समेत मकान पर किसी प्रकार का भार व ऋण न होने बात लिखी गयी थी। इकरारनामे के अनुसार मकान का बैनामा 18 दिसम्बर 21 को तय हुआ। पीडित ने तहरीर में आगे कहा कि वह शेष रकम लेकर जब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचा, लेकिन मकान मालिक एसएन तिवारी व दीपक कश्यप व आकाश नहीं पहुंचे। जब फोन पर बात की गयी तो टालमटोल करते हुए 20 दिसम्बर 21 तय की गयी। जब वह दोबारा  तिथि शेष रकम लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे तब भी उक्त तीनों लोग नहीं पहुंचे। उनके टालमटोल करने पर शक पैदा होने पर जब उसने मकान के संबंध में छानबीन की तो पता चला कि एसएन तिवारी ने मकान को शिवालिकनगर स्थित ईओबी बैंक में गिरवी रखा हुआ है। जब उसके द्वारा उन लोगों को मकान की सच्चाई छिपाने व अपनी दी गयी 25 लाख की रकम वापस मांगने पर  उसे परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पीडित ने इस साजिश में मकान मालिक के दोनों बेटे शैलेन्द्र तिवारी और आलोक तिवारी के शामिल होने की भी बात कही है, दोनों बेटों ने इकरारनामे में हस्ताक्षर किये है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर.जांच शुरू कर दी है।

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