कॉरिडोर मामले में प्रशासन को जनसभा करनी चाहिए ना की चार-पांच लोगों को बैठक समोसे चाय खिलाने चाहिए
हरिद्वार।
लोकसभा के चुनाव संपन्न होते ही कॉरिडोर का जिन्न फिर से बोतल से बाहर आ गया है। जिसको लेकर व्यापारियों में चर्चा का माहौल बना हुआ है कॉरिडोर को लेकर अभी हाल ही में व्यापारियों ने एक बड़ी बैठक का आयोजन किया था। जिसमें कॉरिडोर में होने वाली तोड़फोड़ का सभी ने एक स्वर में विरोध जताया और आंदोलन की बात भी कही। इसी को लेकर प्रशासन ने व्यापारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया। जिसमें हरिद्वार के सौंदर्यकरण की बात प्रशासन ने व्यापारियों को बताई। व्यापारियों और प्रशासन की हुई इस बैठक से व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों में असमंजस का माहौल बन गया है।
इसी को लेकर रेडी पटरी वालों का प्रतिनिधित्व करने वाले संजय चोपड़ा व समाजसेवी तेज प्रकाश साहू ने एक बयान जारी किया। जिसमें लघु व्यापारी नेता संजय चोपड़ा ने कहा कि प्रशासन और व्यापारियों की जो बैठक हुई है उसका कोई भी औचित्य नहीं है। इसकी जगह प्रशासन को एक जनसुनवाई का कार्यक्रम करना चाहिए था। जिसमें हर जनप्रतिनिधि की भागीदारी व राय मशवरा लेना चाहिए इससे हमारी भावनाओ को ठेस पहुचती है। चोपड़ा ने बताया की हरिद्वार में हमने बड़े-बड़े आयोजन देखे हैं। किस प्रकार से मेलो को संपन्न करना है यह भी देखा गया है। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों और सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को बुलाकर प्रशासन को जनसुनवाई करनी चाहिए। जिसका एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए जिसकी जिम्मेदारी हो कि वह सब की बातों को ध्यान में रखकर शासन प्रशासन तक पहुंचाएं। हरिद्वार में जो सौंदर्य करण या कॉरिडोर की योजना बन रही है वह 1998 से चली आ रही है। परंतु कोई भी योजना सफल इसीलिए नहीं चल पाई क्योंकि उसमें सभी वर्गों को शामिल नहीं किया गया। आज हरिद्वार में 15000 स्ट्रीट वेंडर हैं जो रेडी पटरी पर काम करके अपनी जीविका चला रहे हैं। अगर उन्हें उजाड़ा जाता है तो वह लोग क्या करेंगे कैसे अपनी जीविका चलाएंगे। संजय चोपड़ा ने कहा कि अगर यह कॉरिडोर जबरदस्ती हम पर थोपा गया तो इसका सड़कों पर उतरकर हम हर तरह से जवाब देने को तैयार है।
वही तेज प्रकाश साहू ने कहा कि प्रशासन और व्यापारियों की जो बैठक हुई है वह बिल्कुल गलत है। इसमें कुछ सत्ताधारी स्टॉक होल्डरों के साथ बैठक कर सिर्फ एक कोरम को प्रशासन ने पूरा किया है। तेज प्रकाश साहू ने कहा कि सौंदर्यकरण के नाम पर 500 साल पुराने शहर को उजाड़ने की जो योजना चल रही है वह गलत है इसके लिए जनसुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 31 वार्ड कॉरिडोर में प्रभावित हो रहे हैं। उन सभी वार्डों के जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध नागरिकों के साथ एक जनसुनवाई का कार्यक्रम होना चाहिए ना की चार-पांच लोगों को चाय समोसा खिलाकर बैठक करनी चाहिए । तेज प्रकाश साहू ने बताया कि हम कहना चाहते हैं कि शहर को ना उजाड़ कर जितनी भी सरकारी जमीन है पड़ी है उन्हें राधाकृष्ण आयोग के आधार पर और ट्रैफिक प्लान को व्यवस्थित कर नियोजित ढंग से सौंदर्य करण किया जा सकता है। उन्होंने इस बारे में बहुत सारी सरकारी जमीनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के मामले में बड़े जनप्रतिनिधि कुंभकरनी नींद में सो रहे हैं इन्होंने आरोप लगाया कि हो सकता है इस काम में उनका भी कोई हाथ हो।