उत्तराखंड हरिद्वार

सिंचाई विभाग में लाखों का घोटाला, यूपी सिंचाई विभाग से पांच गुणा अधिक धनराशी में किये सफाई कार्य के अनुबंध

हरिद्वार।
सिंचाई खंड हरिद्वार के अंतर्गत सालाना नहरो, माइनरो सफाई हेतु नहर खुदाई की दर निर्धारित कर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में मुख्य अभियंता ने जांच के बाद पाया कि जिस काम के लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा मात्र 63 रूपये प्रति वर्ग घन मीटर सफाई खुदाई व घास फूस आदि की सफाई के लिए भुगतान किया गया। उसी कार्य के लिए प्रति घन मीटर उत्तराखंड में सिंचाई विभाग द्वारा क रीब पांच गुणा अधिक 330 रूपये प्रति घन मीटर के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल ने बताया कि गंगा बंदी के दौरान विभिन्न रजवाहो, नहर, माइनर सफाई एवं खुदाई कराए जाने की सूचना एवं जांच आख्या मांगी गई थी। मांगी गई सूचना में कुल कार्य देशों की संख्या 33 है तथा अनुबंधित लागत 107.0 लाख रुपए है। कराए गए सिल्ट कार्य में कुल लागत 106. 87 लाख है। जिसमें 65.48 लाख का भुगतान किया जा चुका है, एवं 43.139 लाख की देनदारियां पाई गई है जिन का भुगतान किया जाना है। जांच के अंतिम होने तक सृजित देनदारियों के भुगतान रोके जाने हेतु अधीक्षण अभियंता को पूर्व में निर्देशित किया गया है। बताया कि उक्त अनुबंधों में नहर की सफाई हेतु जो कार्य मद का प्रावधान किया गया है वह सिविल संरचना के अनुपात से संबंधित है और किसी भी दृष्टि से नहर की सिल्ट सफाई संबंधित नहीं है। बताया कि अपर सहायक अभियंताओं द्वारा माप पुस्तिका में कार्य की माप प्रवधानिक मद के अनुरूप अंकित की गई है। सहायक अभियंताओं द्वारा निर्धारित अनुपात में कार्य की माप निर्धारित प्रतिशत से कम चैक करते हुए भुगतान हेतु ठेकेदारों के बीजक पारित किए गए हैं। अधिशासी अभियंता द्वारा भुगतान किया गया है। अनुबंधों एवं कार्य देशों के नाम कार्य करना नहर सफाई एवं खुदाई अंकित है। जिससे स्पष्ट होता है कि अनुबंध से नहर की सिल्ट सफाई कार्य किया गया है। सिल्ट सफाई कार्य हेतु उत्तराखंड में प्रचलित पीडब्ल्यूडी, एसआेआर में कोई दर स्वीकृत नहीं है और ना ही सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गई है। जनपद हरिद्वार में सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के प्रचलित एसआेआर के अनुसार माइनर के सिल्ट सफाई कार्य हेतु 63.0 रुपए प्रति घन मीटर स्वीकृत है। सिंचाई खंड हरिद्वार द्वारा कथित प्राक्कलित दर 331.6 से बहुत कम है। प्रारंभिक जांच में प्रकाश में आए हुए तथ्यों से स्पष्ट है कि सिल्ट सफाई कार्य निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत नहीं कराया गया, तथा कार्य का भुगतान वास्तविकता से अधिक किया गया है। बताया कि तत्कालीन अधिशासी अभियंता मंजू द्वारा इब्राहिमपुर एवं एकड नहर की सफाई हेतु 11 अनुबंध निर्गत किए गए हैं। जिसकी दरे 331.2 व 330 रूपये प्रति घन मीटर दी गई है। दूसरे अनुबंध में सहायक अभियंता ओम जी गुप्ता द्वारा रोहाल्की नहर बहादराबाद मील चैनल एवं नेविगेशन चैनल की सफाई हेतु 6 अनुबंध निर्गत किए गए।अनुबंधो में कार्य का नाम नहर की झाड़ी कटान एवं मलवा सफाई अंकित किया गया है इसमें दर 331.2 व 330.0 प्रति घन मीटर दी गई है। सहायक अभियंता राजीव सोनी द्वारा जगजीतपुर कनखल एवं सराय नहर की सफाई हेतु 6 अनुबंध निर्गत किए गए। अनुबंध में भी कार्य का नाम नहर की जंगल सफाई एवं खुदाई का कार्य अंकित किया गया। इसमें भी दरे 328.0 से 330.0 प्रति घन मीटर दी गई है। सहायक अभियंता इंद्र कुमार द्वारा मनोहरपुर माइनर दायां खेलडी व बायां खेलड$ी की सफाई हेतु तीन अनुबंध निर्गत किए गए इस अनुबंध में कार्य देश में दरें 327.0 से 329.0 प्रति घन मीटर दी गई। सहायक अभियंता सुरेंद्र पाल द्वारा अहमदपुर अलीपुर एवं पंजनहेडी नहर की सफाई हेतु 5 अनुबंध 328.0 रूपये प्रतिघनमीटर निर्गत किए गए। सहायक अभियंता गौरव गोयल द्वारा पंजनहेडी नहर की सफाई हेतु 2 अनुबंध 328.0 रूपये प्रति घन मीटर दिया गया। वरिष्ठ पत्रकार  रतनमणी डोभाल ने बताया कि प्राप्त सूचना के आधार पर वर्तमान वर्ष में खंड द्वारा अनुरक्षण मध्य के अंतर्गत माइनरो की सिल्ट सफाई आदि के लिए किए गए किया गया है। जिसके लिए तत्कालीन अभियंता मंजू सहायक अभियंता ओम जी गुप्ता राजीव सोनी इंद्र कुमार सुरेश पाल गौरव गोयल सहायक अभियंता में दीपेंद्र गोसाई जयदीप सिंह रविंद्र कुमार रजनीश थपलियाल दिनेश सिंह दीपक सैनी उमेश धीमान अंकित धीमान विनोद चौहान संयुक्त रूप से विद्यालेखा तैयार करने व सार्वजनिक धनराशि का दुरूपयोग नियोजन किए जाने हेतु तीन स्तर के अधिकारी कर्मचारी दोषी प्रतीत होते हैं अत: की विस्तृत उच्च स्तरीय जांच शासन स्तर से एक जांच अधिकारी द्वारा कराई जानी आवश्यक है ।

 

 

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