उत्तराखंड हरिद्वार

विधायक तक कैसे पहुंचेगी जनता की आवाज…?

हरिद्वार।

चुनाव हुए एक महीना ही देता है हरिद्वार ग्रामीण की जनता अपनी विधायक से उकता चुकी है। दूर से आने वाली विधायक क्षेत्र में पहुंचते ही ऐसे लोगों के घेरे में आ जाती हैं जो अपनी दबंगई साबित करने के लिए ग्रामीण जनता पर भारतीय फिल्मों के ठाकुरों जैसा रौब गालिब करते फिरते हैं। जिस कारण आम जनता अब अपनी विधायक से दूरियां बनाने में ही अपनी भलाई समझती है। जनता का कहना है कि इससे अच्छे तो स्वामी जी ही थे जो गाड़ी में अकेले घूमते थे और हर व्यक्ति के घर में जाकर अपनापन दिखाते थे। यहां तो जो लोग विधायक को देखकर अपनी समस्या बताना चाहते हैं उनके साथ घूमने वाले तथाकथित लोग दूर से ही धमका कर उन्हें भगा देते हैं। यहां तक की किसी के ऊपर भी हाथ छोड़ना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। अब जनता कहती है कि खनन माफियाओं ने कांग्रेस प्रत्याशी को जिताया है। एक और जहां स्वामी यतीश्वरानंद आम जनता के बीच में घुले मिले थे। अपनी साफ स्वच्छ छवि के चलते दो बार विधयक बने। जबकि पिछली पंचवर्षीय योजना में उनके सामने तत्कालीन मुख्यमंत्री चुनाव लड़े थे बावजूद अपनी लोकप्रिय छवि के कारण स्वामी यतींद्र आनंद ने चुनाव जीतकर साबित कर दिया था के क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री से ज्यादा उन्हें पसंद करती है। इस बार वह चुनाव क्यों हारे यह कारण जानने के लिए जब क्षेत्र के लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि पूरे प्रदेश के अंदर कांग्रेस की जीत होने का भ्रम कायम था सत्ता परिवर्तन होने अफवाहों से माहौल गर्म था क्योंकि स्वामी जी ने अवैध खनन करने वालों पर भी शिकंजा कसने का काम किया था। माफियाओं ने स्वामी को सबक सिखाने का मौका मिल गया और उन्होंने क्षेत्र की जनता को बरगला कर कांग्रेस को जीता दिया। उनका कहना है कि माफियाओं के दम पर विधायक बनने वाले माफियाओं की कठपुतली बन चुके हैं। वहीं दूसरी ओर बीते दिनों विधायक द्वारा दिए गए एक बयान से क्षेत्र के मुस्लिम वोटर भी उनसे नाराज हैं उनका कहना है कि अब तो 5 साल ढोना ही पड़ेगा। सभी को उम्मीद थी कांग्रेस की सरकार आएगी तो क्षेत्र का विकास होगा लेकिन सरकार नहीं आई और उसके बावजूद विधायक के चारों ओर ऐसे लोगों का जमावड़ा बन जाना विधायक और जनता के बीच में दीवार खड़ी करता है। अब तो कांग्रेस के समर्थक और कार्यकर्ता भी कन्नी काटने में लगे हैं क्योंकि उनकी वहां तक कोई पूछ नहीं है चुनाव जीतने के बाद अब ग्रामीण लोग उनकी चुटकियां लगे हैं। घेराबंदी उन्हें विधायक तक पहुंचने नहीं देती जनता की आवाज कैसे पहुंचेगी..?

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