पथरी।
पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती अनुपमा रावत से सीट हारने के बाद स्वामी यदि स्वरानंद की नजर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मानी जा रही थी जिसे लेकर वह अपने लिए बाणगंगा जिला पंचायत सीट सुरक्षित मानकर चल रहे थे जिसके लिए कार्यकर्ताआें ने 1 दिन पहले ही शाहपुर में बैठक भी की थी और स्वामी यदि स्वर्ण को भारी मतों से जिताने मैं लग जाने के लिए कहा था यह सीट प्रचार प्रसार के नजरिए से भी बहुत सुगम और हिंदू बाहुल्य व कम मतदाताआें वाली यानी छोटी सीट बताई जा रही थी। हालांकि इस सीट पर उनके जीत का दावा भी किया जा रहा था। लेकिन आरक्षण सूची ने इस आसान काम को मुश्किल बना दिया है। बाणगंगा सीट पिछड$ी जाति की महिला के लिए आरक्षित की गई है, तो स्वामी यतिश्वरानंद वेद मंदिर के संचालक अविवाहित आर्य हैं उनके अविवाहित होने से जिला पंचायत अध्यक्ष पद तक पहुंचने का आसान रास्ता मुश्किल हो गया है। हालांकि वह पहले से ही कई सीटों पर अपनी नजरें गड$ाए हुए हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि उनकी सरकार है और फिर आपत्तियों की सुनवाई भी होनी है। अंतिम सूची तक कुछ भी हो सकता है।