हरिद्वार।
लॉक डाउन से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इंडिया बनाने पर खासा जोर दिया था। दर्जनों कैशलेस सुविधा देने वाली कंपनियां भारतीय बाजार में अपना रंग जमाने लगी। आम जनता को भी बैंक में जाकर लंबी लाइनों से छुटकारा मिलने लगा। परंतु इसी बीच बैंक अकाउंट को कैशलेस या डिजिटल अकाउंट से जोड़ने के लिए बैंक से मिलने वाले एटीएम कार्ड जिनकी लिमिट समाप्त हो चुकी है। बैंकों से दोबारा आमजन को नहीं मिल पा रहे हैं। जिसके चलते कैशलेस बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह ठप्प हो गई है। धर्मनगरी हरिद्वार में ही कई सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक सेंट्रल बैंक में एटीएम लेने वाले कई महीने पहले से अप्लाई करने के बाद भी आज तक उन्हें एटीएम प्राप्त नहीं हो पाया। जिसके चलते उन्हें सभी कार्य कैश में ही करने पड़ते हैं। इससे उनके आम जीवन पर भी खासा प्रभाव पड़ा है पहले कैश निकालने के लिए बैंक में इंतजार करना पड़ता है। उसके बाद जो कार्य कैशलेस सुविधा में आसानी से हो जाते थे, उसके लिए भी उन्हें उन कार्यालयों तक अपने कीमती समय में से समय निकाल कर जाना पड़ता है। जैसे बिजली का बिल भरना मोबाइल रिचार्ज करना, बच्चों के स्कूल की फीस भरना इत्यादि। पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं में बीते 4 से 6 महीने पहले अप्लाई करने वालों को आज तक भी एटीएम कार्ड नहीं मिल पाया। वही सेंट्रल बैंक में बीते वर्ष की जुलाई माह से जिन लोगों ने एटीएम के लिए अप्लाई किया था, उन्हें वर्तमान तक भी एटीएम प्राप्त नहीं हो पाया। अब तो बैंक शाखा प्रबंधक भी अपने ग्राहकों को जवाब देने से कतराने लगे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री तो सिर्फ बोल देते हैं। धरातल पर कार्य पूरे नहीं हुए। जनधन खाते भी प्रधानमंत्री ने खुलवाए थे अब वह बैंक कर्मियों की सिरदर्दी बने हुए हैं।