हरिद्वार।
नाबालिग लडकी का षडयंत्र रचकर अपहरण व दुष्कर्म करने वाले आरोपी को एडीजे/एफटीएससी/अपर सत्र न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने 12 वर्ष की कैद व 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी के भाई व मां को 5—5 वर्ष की कैद और 5—5 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 28 दिसंबर 2१७ को सिडकुल क्षेत्र में घर पर आकर करीब साढ$े 12 वर्षीय नाबालिग लड$की का अपहरण कर लिया गया था। पीडि$त लड$की की माता ने पुलिस को दी शिकायत में जेल में बंद मुख्यारोपी अनिल की माता उषा व भाई सुनील और दो अन्य पर अपनी नाबालिग लड$की को बहला फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता पीडि$त लड$की की माता ने बताया था कि आठ महीने पहले आरोपी अनिल पुत्र बेगराज निवासी ग्राम रावली महदूद सिडकुल उसकी 12 वर्षीय लड$की को भगाकर ले गया था। जिस पर सिडकुल पुलिस ने आरोपी अनिल को गिरफ्तार कर उसके कब्जे में से नाबालिग लड$की को बरामद कर उसे सौंप दिया था।अभी आरोपी जेल में है। शिकायतकर्ता महिला ने आरोपी अनिल के भाई, उसकी मां व दो अन्य पर जेल में बंद आरोपी अनिल को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए उसकी नाबालिग लड$की का अपहरण करने का आरोप लगाया था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी सुनील व उषा के विरुद्ध संबंधित धाराआें में केस दर्ज किया। इस घटना के आठ महीने के बाद पुलिस ने पीडि$त लड$की को आरोपी अनिल, उसके भाई सुनील व मां उषा के साथ पकड$ा था। घर पहुंचकर पीडि$त लड$की ने अपनी माता व पुलिस को सारी घटना बताई थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। सरकार की आेर से सात गवाह पेश किए। जबकि बचाव पक्ष की आेर से दो गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी अनिल व उसकी माता उषा तथा भाई सुनील को दोषी पाया है।