हरिद्वार।
जल संरक्षण अभियान के तहत जनपद के सिटी वन में आयोजित जल उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विधायक मदन कौशिक, जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल, डीएफआे वैभव कुमार सहित जिला स्तरीय अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों द्वारा बढ-चढकर प्रतिभाग किया गया। इस दौरान सिटी वाटिका में अर्जुन, बहेड़ा, आंवला, जामुन सहित विभिन्न प्रजातियों के फलदार, एवं चौड़ी पत्ती वाले पौधों का रोपण किया गया।
इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि कहा कि वर्तमान समय में जल स्तर लगातार घट रहा है, जो कि बेहद गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा जिस प्रकार विश्व के लगभग सभी देश जल की कमी से जूझ रहें हैं, आने वाले समय में जल के लिए युद्ध होना संभव है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए सभी की सहभागिता से वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित कर जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दिशा—निर्देशन में देशभर में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ग्राम स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसके माध्यम से अधिक से अधिक वृक्षों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्षा के जल संरक्षण के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ ही वैज्ञानिक पद्धति से सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे कि घटते जल स्तर को बढ़ाया जा सके। तथा आने वाली पीढ़ी के लिए जल संरक्षित किया जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को देखते हुए तथा प्रतिवर्ष गिर रहे भू—जल स्तर को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में प्रदेशभर में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जल उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसका जनपद में आज शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम जनपद में कम से कम 15 दिन चलेगा। जिलाधिकारी ने वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान, जलवायु परिवर्तन के साथ ही जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में गिर रहे भूजल स्तर पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा तथा पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से हम किसी भी लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमें धान की तृतीय फसल लेने से बचना होगा और किसानों को तीसरी फसल से भूमि की उर्वरा शक्ति को पहुंचने वाले नुकसान, तीसरी फसल में अत्यधिक फर्टिलाइजर के प्रयोग से उत्पन्न धान से मानव के स्वास्थ्य पर पड$ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि जनता को एक-एक बून्द का महत्व समझना होगा क्योंकि बून्द—बून्द से ही समुद्र बनता है। जिलाधिकारी ने जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये जा रहे कार्यों एवं प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डीएफओ वैभव तथा मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड$ी ने कहा कि स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अंतर्गत जल उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जनपद में शनिवार से इसका शुभारंभ हो गया है। जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में संबंधित विभागों के माध्यम से वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिससे कि जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कार्य कर घटते जल स्तर को बढ़ाया जा सके। इस दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी नलिनी ध्यानी, सहित सुशील त्यागी, डा. नरेश चौधरी सहित जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी आदि उपस्थित थे।