नशे के कारोबार पर नकेल में भी कहीं कुछ तो गड़बड़
हरिद्वार।
मुख्यमंत्री के नशा मुक्त उत्तराखंड 2025 के अभियान को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह द्वारा जनपद में बड$े जोर शोर से चलाया गया। जिले भर के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा स्वयं स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी गांव – गांव में जा जाकर नशा मुक्ति के लिए जागरूकता अभियान और नशा मुक्त होने के लिए ग्रामीणों से आवाहन किया इसका असर भी देखने में आया। जनपद की जनता द्वारा भी नशा मुक्त करने में पुलिस को भरपूर सहयोग दिया गया। कई नशे के सौदागरों को जनता द्वारा पकडवाया गया। वहीं इसके उलट हरिद्वार शहर जो नशा प्रतिबंधित भी है में ही अवैध नशे का कारोबार कई गुना बढा हैं। पुलिस द्वारा जिन लोगों पर कार्रवाई की जाती है वह अगले दिन ही जमानत लेकर फिर से अपने काम धंधे बदस्तूर जारी किए हुए हैं। जाहिर है कि पुलिस की भूमिका को भी संदिग्ध बना रहे हैं। जिले के आला अधिकारी हर समय सडक पर खडे नहीं हो सकते परंतु जिन थाना, चौकी क्षेत्र और बीट अधिकारी के क्षेत्र में यह अवैध धंधे होते हैं उन पर पुलिस कर्मचारियो पर भी कार्रवाही की जानी चाहिए। जिससे धर्म नगरी हरिद्वार को नशा मुक्ति बनाने वाले मुख्यमंत्री के नशा मुक्त अभियान को सफल बनाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के समय में पुलिस द्वारा ऐसे ऐसे अपराधिक मामलों का खुलासा किया गया है जिसके लिए पुलिस को आसपास ही नहीं बल्कि दूर प्रदेशों में जाकर भी अपराधियों को पकड कर लाया गया है। प्रश्न ये है कि क्या ऐसी तेज तर्रार पुलिस जो कुछ ही घंटे में बडी—बडी अपराधी घटनाओ का खुलासा कर रही है को अपनी बगल में चल रहे अवैध नशे के कारोबार की भनक तक नहीं है कुछ तो गडबड है भाई…।