हरिद्वार।
जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह के अथक प्रयासों से राइफल क्लब को पुनर्जीवित कर दिया गया है। यह क्लब, जो वर्ष 2009 से बंद पड़ा था, अब एक नई ऊर्जा के साथ कार्य करने के लिए तैयार है।
सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान, जो राइफल क्लब की सचिव भी हैं, ने बताया कि राइफल क्लब का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण देना है, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों में आत्मरक्षा के लिए सक्षम बन सकें। इसके अलावा, क्लब का उद्देश्य जिले में निशानेबाजी के खेल को बढ़ावा देना और इसे एक प्लेटफार्म के रूप में विकसित करना है, जहां निशानेबाजी में रुचि रखने वाले खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखार सकें।
सिटी मजिस्ट्रेट ने यह भी बताया कि राइफल क्लब उन प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगा, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाजी में पहचान बना सकते हैं। इसके लिए क्लब उन्हें आधारभूत सुविधाएं और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। साथ ही, यह नागरिकों को आत्मविश्वासी बनाने और लूट, चोरी, और अपराधों जैसी घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से शस्त्र प्रशिक्षण को बढ़ावा देगा।
जिलाधिकारी के नेतृत्व में राइफल क्लब का पुनर्जीवित होना केवल खेलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, और नई प्रतिभाओं को उभारने का केंद्र भी बनेगा। इस पहल से हरिद्वार जिले को खेल और सुरक्षा के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।
राइफल क्लब के अध्यक्ष जिलाधिकारी हरिद्वार हैं और सचिव सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान हैं। शहर के नागरिकों और संगठनों ने इस पहल के लिए जिलाधिकारी महोदय के प्रति प्रसन्नता और आभार व्यक्त किया है। हरिद्वार के नागरिक इसे एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं, जो जिले के युवाओं और निशानेबाजों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।