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पुष्पराज धीमान
दो विधायक मित्र का नाम आते ही क्षेत्र के बच्चे बच्चे को पता चल जाता है कि यह दो विधायक मित्र कौन—कौन है यदि आपको नहीं पता तो हम बता देते हैं यह दोनों विधायक मित्र स्वामी यतिश्वरानंद और संजय गुप्ता हैं। जिनकी दोनों की विधानसभा आपस में मिली हुई है। संजय गुप्ता को तीसरी बार सूची में नाम देखकर अधिक प्रसन्नता हुई होगी। क्योंकि वह अपने टिकट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं थे। जबकि वह भी धामी गुटके ही माने जाते हैं, उनके असमंजस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनावी बिगुल बजे करीब पन्द्र दिन बीत चुके है लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार की सक्रियता नहीं देखी जा रही थी। शायद वह मीडिया के माध्यम से आ रही खबरों ने विचलित हो रहे थे। आपको यह भी याद दिला दें पिछली बार भी वह अपनी जीत के प्रति पूर्णतया आश्वस्त नहीं थे। बताया जाता है कि काउंटिंग के दौरान उनके भाई ने उन्हें फोन करके उनके जीतने के बारे में बताया था। जिसके बाद वह मतगणना स्थल पहुंचे थे। उनके खास मित्र कहे जाने वाले स्वामी यतिश्वरानंद ने क्षेत्र में अपने विश्वास के चलते क्षेत्र में लोगों से टिकट की घोषणा होने से पहले ही मिलना जुलना शुरू कर दिया था। जबकि संजय गुप्ता अभी टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति में थे।