देहरादून।
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में 40 मजदूरों के फंसे होने पर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया। घटना स्थल का दौरा पूर्ण करने के उपरान्त मंत्री प्रसाद नैथानी ने कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में पत्रकार वार्ता कर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। पत्रकार वार्ता में मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि टनल की जो स्थिति है वह भयावह है भाजपा सरकार हवा में हाथ पैर मार रही है कोई सटीक प्लान मजदूरों को निकालने के लिए सरकार के पास नहीं है जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि दिपावली के दिन से अभी तक मजदूर वहां फंसे हुए हैं एक एक पल उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। उसके बावजूद भी केवल सरकार बयानबाजी तो कर रही है मगर अभी तक मजदूरों को बाहर नही निकाल पाई है हम सबकी चिंता यह है कि मजदूर जल्द से जल्द टनल से सुरक्षित बाहर निकले।
मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है कि उस टनल में वहां पर मलबा आया हो वहॉ पहले भी तीन बार इस तरह की छोटी घटनाएं हो चुकी थी फिर भी पहले से प्रोटेक्शन के काम क्यों नही किए गये। टनल बनाने के पूर्व टनल का सेफ्टी ऑडिट हुआ तो उसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं हुयी। कार्यदायी संस्था ने मॉनिटरिंग में लापरवाही क्यों बरती और निर्माण एजेंसी को निर्माण की गुणवत्ता एवं सिक्योरिटी प्वाइंट पर लापरवाही और मनमानी क्यों करने दी, और निर्माण की गुणवत्ता पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे तो उन सवालों को नजर अंदाज क्यों किया गया वहॉ काम कर रहे मजदूरों को दीपावली जैसे राष्ट्रीय त्योहार पर छुट्टी क्यों नही दी गयी। कई गम्भीर सवाल हैं जो स्थानीय जनता व मजदूरों के परिजन उठा रहे हैं।कहा कि जिस कंपनी इस टनल का काम दिया गया है वह पहले से ही विवादित कम्पनी है और महाराष्ट्र में इस कंपनी पर गंभीर आरोप हैं और कम्पनी पर जॉच भी चल रही है। फिर भी उसको टनल का काम सौंपा गया, और जिस कम्पनी को टनल के निर्माण का ठेका मिला हुआ है उसने भी काम आगे सबलेट किया हुआ है जो निर्माण कम्पनी अब वहॉ काम कर रही है बताया जा रहा है वह कंपनी ऋषिकेश, कर्णप्रयाग रेल लाईन में भी टनल निर्माण का कार्य कर रही है। सिल्क्यारा उत्तरकाशी टनल में जिस तरीके का घटिया निर्माण हुआ है उससे आंशकाएं खडी हो गयी है कि कहीं ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के टनल निर्माण में भी अनियमितता न बरती गयी हों, उत्तराखण्ड में बन रही सभी टनलों का दोबारा से सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए। जिससे पता लगाया जा सके कि ये टनलें मानकों के अनुसार बनी हैं इन निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं हुई है। मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि वहॉ पर राहत और बचाव के काम में लगी हुयी सभी एजेंसियां और जिला प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि मजदूरों को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला जाए, मगर दूसरी और प्रदेश सरकार इस प्रकरण पर गम्भीर नजर नही आ रही है। क्योंकि अभी तक न तो वहॉ जिले के प्रभारी मंत्री पहुॅचें है न आपदा प्रबंधन मंत्री ने वहां पर कैंप किया है। हॉ मुख्यमंत्री वहॉ जरूर पहुंचे थे।उन्होंने भी जिला प्रशासन पर सारी जिम्मेदारी छोड़ दी। और स्वयं मध्य प्रदेश चुनाव में चले गये। इससे साबित होता है कि प्रदेश सरकार इस घटना पर कितनी गंभीर है। प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण ही इतने दिन से मजदूर वहॉ फसे हैं जिन्दगी और मौत से जुझ रहे हैं। अब उनके परिजनों का धैर्य भी जवाब देने लगा है। मंत्री प्रसाद नैथानी महामहिम राष्ट्रपति से अपील की कि हमारा सरकार से भरोसा उठ गया है अतः आप स्वंय मामले का संज्ञान लेकर मजदूरों की प्राण रक्षा के लिए सरकार को निर्देश दें।