हरिद्वार।
उत्तराखण्ड शासन में अपर सचिव का दायित्व संभाल रहे हरक सिंह रावत लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। देहरादून आवास में अंतिम सांस ली। पार्थिव शरीर कर अंतिम संस्कार के लिए खडख़ड़ी श्मशान घाट पर लाया गया। घाट पर प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंच कर श्रद्धांजलि दी। बेटे ने मुखाग्नि दी। गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। मिलनसार अधिकारी के रुप में अपनी छाप छोडने वाले हरक सिंह रावत ने जनपद हरिद्वार में अपर जिलाधिकारी का दायित्व संभाल चुके हैं।
उत्तराखण्ड शासन में अपर सचिव हरक सिंह रावत लंबे समय से कैंसर बीमारी जीवन की जंग लड़ रहे थे। काफी इलाज कराने के बाद तबीयत में सुधार नहीं हो पा रहा था। रविवार को देहरादून स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। प्रशासनिक अधिकारी की मौत की खबर से देहरादून समेत अन्य जनपदों में शोक की लहर फैल गयी। हरक सिंह रावत ने जिस भी जनपद में दायित्व संभाला उसे बेखूबी निभाया। मिलनसार व हंसमुख छवि के रुप में पहचान रखने वाले हरक सिंह रावत मूल रुप से जिला चमोली के रहने वाले थे। पहाड़ की समयस्याआें को बेखूबी जानते थे। अपने पीछे पत्नी व बेटा व बेटी को छोड़ गए। पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार स्थित खडख़ड़ी श्मशान घाट में लाया गया। शव यात्रा में रिश्तेदारों के अलावा कई प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। खडख़ड़ी श्मशान घाट पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल समेत प्रशाननिक अधिकारियों ने पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। गमगीन माहौल में 5२ वर्षीय प्रशासनिक अधिकारी हरक सिंह रावत को उनके बेटे ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।