जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है, तो रहमान को क्यों दिक्कत होनी चाहिए
कांवड मेले के दौरान प्रशासन द्वारा अस्थाई दुकानों व ढाबा मालिकों के नाम के सत्यापन को लेकर स्वामी जी ने कहा कि जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्क त नहीं है, तो रहमान को क्यों दिक्क त होनी चाहिए। अपने नाम पर तो सबको गौरव होता है। नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, अपने कार्य में शुद्धता व पवित्रता लाने की आवश्यकता है।
कांवड मेले को लेकर उन्होंने कहा कि कांवड के यात्री शिवत्व धारण कर एसा आचरण करें कि सबको लगे कि यह कांवडि$या नहीं अपितु साक्षात शिव—पार्वती का साक्षात विग्रह जा रहा है। केदारनाथ धाम को लेकर स्वामी जी ने कहा कि जो हमारे देव स्थान या बडे तीर्थ हैं, उनका कोई विकल्प नहीं हो सकता। जो भगवान के द्वारा बनाए गए धाम हैं, उन्हें कोई इन्सान नहीं बना सकता। धामी सरकार ने जो चारों धामों को पेटेंट करने का निर्णय लिया है, वह प्रशंसनीय है।
कावंड यात्रा के विषय में आचार्य जी ने कांवडियों से आह्वान किया कि आप बडा तप कर रहे हैं तो आपकी वाणी व व्यवहार में भी संयम झलकना चाहिए। श्रद्धा—भक्ति में न तो उद्दण्डता होनी चाहिए और न ही किसी को कष्ट होना चाहिए।
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध सभी इकाईयों के सेवाप्रमुख, सन्यासीगण, इकाई प्रमुख, विभागाध्यक्ष तथा प्रभारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।