उत्तराखंड हरिद्वार

महामंडलेश्वर पायलट बाबा का पाॢथव शरीर कनखल आश्रम पहुंचा

पायलट बाबा को श्रद्धांजलि अॢपत करने के लिए संतों व भक्तों की भीड लगी
उत्तराखंड के सीएम की आेर से डीएम व एसएसपी ने श्रद्धांजलि अॢपत की
गुरूवार को अभिजीत मुहूर्त में महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा को महासमाधि दी जाएगी: श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज
हरिद्वार।
श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के वरिष्ठतम महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा मंगलवार को मुंबई के अस्पताल में ब्रहमलीन हो गए थे। उनके पाॢथव शरीर को बुधवार को हरिद्वार स्थित पायलट बाबा आश्रम लाया गया तो श्रद्धांजलि अॢपत करने के लिए साधु—संतों व भक्तों की भीड उमड पडी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री की आेर से डीएम व एसएसपी ने श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के वरिष्ठतम महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा को श्रद्धांजलि अॢपत की। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व ङ्क्षहदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, जूना अखाड$ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, सचिव सहजानंद गिरी महाराज, थानापति धर्मेंद्र गिरी महाराज, प्रेमानंद गिरी महाराज, साध्वी चेतनानंद गिरी महाराज, साध्वी श्रद्धा गिरी महाराज समेत जूना अखाड$ा के महंत, श्रीमहंत, महामंडलेश्वर समेत हजारों साधु—संतों व भक्तों ने महायोगी पायलट बाबा को श्रद्धांजलि अॢपत की। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि श्री पंच दशनाम जूना अखाड$े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के दिशा—निर्देशन में गुरूवार को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 1१ बजकर 5५ मिनट पर उन्हें महासमाधि दी जाएगी। गुरूवार को उनके धूल लौट यानि तीए का आयोजन भी होगा। जिसमें देश भर से साधु—संत व भक्त भाग लेंगे। श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के वरिष्ठतम महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा के ब्रहमलीन होने से जूना अखाड़े सहित समस्त संत समाज में शोक की लहर व्याप्त है। श्रीमहंत हरी गिरी महाराज के निर्देश पर तीन दिन का शोक मनाया जा रहा है और जूना अखाड़े की सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों में गीता पाठ, शांति पाठ व हवन का आयोजन किया जा रहा है।

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