हरिद्वार।
कर्मचारियों ने रणनीति के तहत शनिवार को विश्वविद्यालय प्रशासन की हठधर्मिता और कर्मचारियों के वेतन पांच माह से न देने के कारण संयुक्त अधिकारी कर्मचारी संघर्ष समिति ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के लिए भीख मांगकर अपना विरोध जताया। कार्यकारी अध्यक्ष केएन भट्ट, वरिष्ठ नेता नर्सेस संवर्ग सुनीता तिवारी, मुख्य फार्मेसी अधिकारी संध्या रतूड़ी, समीर पांडे, वरिष्ठ पदाधिकारी अनिल नेगी, अमित लांबा ने कहा कि कर्मचारियों को विश्वविद्यालय प्रशासन बरगलाने का कार्य पिछले दो सप्ताह से कर रहा है। कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया और संघर्ष समिति के निर्णय के तहत आज सड़कों पर जाकर कर्मचारियों द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए भीख मांगी। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह, ताजबर सिंह, मंत्री मनीष पंवार, अजय कुमार आयुर्वेदिक यूनानी के प्रदेश महामंत्री केके तिवारी, आयुर्वेदिक फार्मेसी अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि कर्मचारियों के घरों में बैंकों के नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं, कुछ कर्मचारी तो हताश हो गए हैं। संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि 14 व 15 जुलाई को संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करता रहेगा और 17 जुलाई और 18 जुलाई को वेतन न जारी होने की दशा में महारैली और विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला दहन का कार्यक्रम करेगा। कर्मचारियों ने यह भी घोषणा की कि जब हमसे विकल्प मांगे गए थे कि आपको राज्य के या विश्वविद्यालय के अधीन रहना है तो हमने राज्य में रहने का विकल्प दिया किंतु फिर भी हमें नहीं भेजा गया। धरना प्रदर्शन में सुनीता तिवारी, संध्या रतूड़ी, कमलेश, ब्रिजेश, शिखा, चंदन चौहान, त्रिलोकी प्रसाद, अजय कुमार, अरुण कुमार, अमित लांबा, अनिल नेगी, ज्योति नेगी, बाला देवी, कैलाशो देवी, नीलम बिष्ट, कुसुम, नितिन, सुमित पाल, पुष्पा, ममता पाल, प्रबल सिंह इत्यादि शामिल रहे।













































