उत्तराखंड मनोरंजन हरिद्वार

बीपीईएस टीम ने शोध-छात्रों की टीम को हराकर बैडमिंटन प्रतियोगिता जीती

हरिद्वार।
खिलाडी के लिए चिकित्सा से कम नही है। जबकि उत्साह एवं उमंग जीवन की कठिनाईयों मे औषधि का काम करते है। खेल संघर्ष को सामंजस्य के माहौल मे बदलने की युक्ति है। आजादी के अमृत महोत्सव एवं फिट इण्डिया मुहिम के अन्तर्गत गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन इन्डोर हॉल, दयानंद स्टेडियम किया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ0 सुनील कुमार ने बैडमिंटन प्रतियोगिता का शुभारम्भ शटल-हीट करके किया। अपने सम्बोधन में उन्होने  हीट और फिट खिलाडी  को राष्ट्र की अमूल्य पंूजी बताया। कोच की कडाई खिलाडी मे कुशलता लाती है। जिसके लिए संन्तुलन बनाना बहुत जरूरी है।
एसोशियेट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि धैर्य एवं संन्तुलन की परख विपरीत परिस्थिति मे होती है। अभाव जीवन मे बिखराव एवं अलगाव लाता है, जिससे मनोविकृति पैदा होती है। उन्होने खिलाडी जीवन को मनोविज्ञान का बेहतर उदाहरण बताया।
उदघाटन मैच  एमपीएड फाईनल तथा बीपीईएस द्वितीय वर्ष पाठयक्रम के छात्रों के मध्य बेस्ट ऑफ फाईव के आधार पर खेला गया। जिसमे एमपीएड टीम 11-9 से विजयी रही। इस प्रतियोगिता मे आठ टीमों ने भाग लिया। दोपहर बाद खेले गये सेमी-फाईनल मे पहला मुकाबला बीपीईएस द्वितीय तथा प्रथम वर्ष के बीच तथा दूसरा सेमी-फाईनल एमपीएड द्वितीय वर्ष तथा शोध छात्रों की टीम के बीच खेला गया।  जिसमे क्रमशः बीपीईएस द्वितीय वर्ष तथा शोघ छात्रों की टीम ने फाईनल मे प्रवेश किया। फाईनल मुकाबले मे बीपीईएस द्वितीय वर्ष की टीम ने शोध-छात्रों की टीम को 3-2 के सैट स्कोर से परास्त करके ट्राफी अपने नाम की। एसोशियेट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार ने विजेता तथा उप-विजेता टीम को ट्राफी प्रदान की। खिलाडी छात्र मोहित कुमार, विपुल, हिमांशु सैनी, विशाल यादव के सहयोग की भी प्रशंसा करते हुये उम्मानित किया गया।
इस अवसर पर टीमों का संयोजन कर रहे शिक्षकों मे डॉ0 प्रणवीर सिंह एवं डॉ0 कनिक कौशल को भी सम्मानित किया गया। आयोजन का नेतृत्व शारीरिक शिक्षा के छात्रों द्वारा किया गया।

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