हरिद्वार।
कनखल स्थित श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शा ी ने कहा कि भागवत कथा श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं। भागवत कथा से जीवन एवं मरण सुधरता है। भगवान की भक्ति करने के लिए कोई अवस्था निर्धारित नहीं है। जब भी मन करे भगवान का स्मरण करना चाहिए। भक्ति से बालक ध्रुव ने 5 वर्ष की अवस्था में ही भगवान को प्राप्त कर लिया था। शुकदेव को जन्म के बाद प्रभु के दर्शन एवं ज्ञान प्राप्ति हो गई थी। भक्ति की लगन बालपन से ही लगनी चाहिए। भक्ति कभी रुकनी नहीं चाहिए। तेरह करोड$ जाप होने के बाद भगवान से साक्षात्कार होता है। पंडित पवन कृष्ण शा ी ने कहा कि वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत में भगवान के चौबीस अवतारों और उनकी लीला का विस्तार से वर्णन किया है। इन अवतारों की कथा का जो भी श्रवण करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा व्यास ने कहा कि सूर्यनारायण साक्षात देवता है। जिनके हमें प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन होते हैं। सूर्योदय से पहले बिस्तर का त्याग कर स्नान ध्यान से निवृत्त होकर पूजा—पाठ में लग जाना चाहिए। जो लोग सूर्य उदय के बाद सो कर उठते हैं। उस घर मे दरिद्रता का वास होता है। प्रत्येक माह मे दो बार एकादशी तिथि आती है। इस तिथि को व्रत रखना चाहिए। कर्मों के हिसाब से ही व्यक्ति को स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है। बुरे कर्म करने वाले को उसके बुरे कर्मों के हिसाब से ही नरक यातना भोगनी पड़ती हैं। कथा में पंडित कृष्ण कुमार शर्मा, राजेंद्र पोखरियाल, पंडित नीरज कोठारी, पंडित रमेश गोयल, पंडित उमाशंकर, पंडित बच्चीराम, ललित नारायण, कैलाश चंद्र पोखरियाल, मारुति कुमार, रिचा शर्मा, पूजा शर्मा, किरण शर्मा, गणेश कोठारी सहित बड$ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।